पटियाला, 17 मई : डाक्टर दीप सिंह ने आज बातचीत करते कहा कि 2025 के नये आए नतीजों में 2913 स्कूली विद्यार्थियों का पंजाबी मां बोली में से फेल होना बहुत ही मन्दभागा है। उन्होंने कहा कि पंजाबी मां बोली जहां हमें अपने विरसे के साथ जोड़ती है, वहां गुरमुखी पढऩे, इतिहास के साथ जुडऩे, गुरबानी पढऩे और जीवन जांच सिखाती है।
पंजाबी भाषा हमारी मातृभाषा है अगर हम पंजाबी को भूल गए तो वह दिन दूर नहीं जब हम अपनी जड़ें खुद सुखा लेंगे। अब तो बाहर के मुल्कों वाले भी पंजाबी सीखना पसंद करते हैं और पंजाब का गौरवमई इतिहास को पढक़र वह पंजाबी भाषा को लाजिमी तौर पर लागू कर रहे हैं परन्तु जब पंजाब के बच्चे पंजाबी मां बोली के पेपर में से जब फेल होते हैं, जोकि मंदभागा है। इसलिए समूह सोसायटी की तरफ से अपील की जाती है कि पंजाबी एक अमीर विरासत है इसके साथ आप और अपने बच्चों को जोडऩा चाहिए।
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