करूर, 20 फ़रवरी 2025: तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने हाल ही में राज्य के करूर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को कड़ी चुनौती दी। अन्नामलाई ने उदयनिधि को ‘दा’ कहकर संबोधित करते हुए कहा, “अगर आप मर्द हैं, तो ‘मोदी बाहर निकलो’ कहने की कोशिश करें दा।” यह टिप्पणी उदयनिधि स्टालिन के एक बयान के जवाब में आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सरकार हिंदी थोपना जारी रखेगी, तो पीएम मोदी के तमिलनाडु दौरे पर ‘Get out Modi’ के नारे लगाए जाएंगे।
उदयनिधि का ‘Get out Modi’ बयान
उदयनिधि स्टालिन ने पहले यह चेतावनी दी थी कि अगर केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश करती है, तो तमिलनाडु के लोग ‘मोदी बाहर निकलो’ के नारे लगाएंगे। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी, और अन्नामलाई ने इसे तुरंत जवाब दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उदयनिधि स्टालिन के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करने की परिपक्वता की कमी है, और यह भी कहा कि मोदी एक वैश्विक नेता हैं जिनकी प्रतिष्ठा का सम्मान किया जाना चाहिए।
अन्नामलाई ने की उपमुख्यमंत्री की दिनचर्या पर टिप्पणी
अन्नामलाई ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि उदयनिधि स्टालिन का दिन सुबह 11:30 बजे शुरू होता है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी का दिन सुबह 3:30 बजे से शुरू होता है। इस बयान से उन्होंने यह दर्शाने की कोशिश की कि उदयनिधि की कार्यशैली और परिपक्वता मोदी के मुकाबले कहीं अधिक कमजोर है।
Get out Modi: उदयनिधि की प्रतिक्रिया और चुनौती
अन्नामलाई की टिप्पणी के बाद, उदयनिधि स्टालिन ने भी प्रतिक्रिया दी और भाजपा नेता को जवाबी चुनौती दी। उन्होंने कहा, “अगर अन्नामलाई में हिम्मत है तो वह चेन्नई के अन्ना सलाई आएं, जहां डीएमके का मुख्यालय स्थित है।” इस चुनौती से दोनों नेताओं के बीच वाकयुद्ध और भी तीव्र हो गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर विरोध और आरोप
यह राजनीतिक आदान-प्रदान उस समय हुआ है जब उदयनिधि स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और त्रिभाषी नीति के खिलाफ अपना कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर भाजपा सरकार ने तमिलनाडु के अधिकारों का उल्लंघन किया, तो एक बड़ा विरोध अभियान छेड़ा जाएगा।
भा.ज.पा. पर आरोप
उदयनिधि ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार एनईपी का उपयोग हिंदी को थोपने के लिए कर रही है और तमिलनाडु की शैक्षिक और भाषाई नीतियों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “हम तमिल के अधिकारों के लिए लड़ेंगे, और अगर केंद्र सरकार ने हमारे अधिकारों पर हमला किया तो हम अपनी आवाज उठाएंगे।” उदयनिधि ने कहा कि तमिलनाडु के लोग अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे और कभी भी हिंदी को राज्य पर थोपने की अनुमति नहीं देंगे।
अन्नामलाई और उदयनिधि स्टालिन के बीच यह ताजा विवाद तमिलनाडु की राजनीति में एक नई गर्मी लेकर आया है। दोनों नेताओं के बीच के इस वाकयुद्ध से साफ है कि राज्य में आगामी समय में कई मुद्दों पर गंभीर राजनीतिक संघर्ष देखने को मिल सकता है, खासकर शिक्षा नीति और भाषा के मुद्दों पर।
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