नई दिल्ली, 21 सितंबर : केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने यहां एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी में एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि लेखकों और बुद्धिजीवियों को निडर होकर अपनी बात रखनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा यह है कि शासक अपने खिलाफ व्यक्त की गई सबसे मजबूत राय को भी बर्दाश्त करता है और इसपर आत्मचिंतन करता है। गडकरी ने कहा, ‘लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा यह है कि राजा अपने खिलाफ व्यक्त की गई सबसे मजबूत राय को भी बर्दाश्त करता है और उस पर आत्मचिंतन करता है। कुछ दिन पहले गडकरी ने नागपुर के एक समारोह में प्रधानमंत्री पद को लेकर एक दिलचस्प किस्सा सांझा किया था। उन्होंने बताया कि एक नेता ने उनके सामने प्रस्ताव रखा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं, तो उनका समर्थन किया जाएगा। हालांकि, गडकरी ने उस नेता की पार्टी का नाम उजागर नहीं किया। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक घटना मुझे याद आती है। एक नेता थे, जिनका नाम मैं नहीं बताऊंगा। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनना मेरे जीवन का लक्ष्य नहीं है। मैं अपनी संस्था और अपने दृढ़ विचारों के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं किसी पद के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा। मेरे लिए दृढ़ संकल्प ही सर्वोपरि है।
लेखकों व बुद्धिजीवियों को निडर होकर बात रखनी चाहिए : नितिन गडकरी
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