कुरुक्षेत्र में 1000 कुंडीय यज्ञ के बीच हिंसा: गोलीबारी और पत्थरबाजी से मचा हड़कंप

by Manu
कुरुक्षेत्र में 1000 कुंडीय यज्ञ के बीच हिंसा

कुरुक्षेत्र, 22 मार्च: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में चल रहे 1000 कुंडीय महायज्ञ  शनिवार को अचानक हिंसा भड़क उठी। इस धार्मिक आयोजन के बीच कुछ लोगों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें तीन युवकों को गोलियां लगीं।

इसके साथ ही पत्थरबाजी और लाठीचार्ज की घटनाएं भी सामने आईं है। घायलों को फौरन अस्पताल  पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

1000 कुंडीय महायज्ञ में बासी भोजन से शुरू हुआ विवाद

यह पूरा हंगामा उस वक्त शुरू हुआ, जब यज्ञ में शामिल पंडितों को कथित तौर पर बासी खाना परोसा गया। पंडितों ने इस बात का विरोध किया और आयोजकों से जवाब मांगा। लेकिन बातचीत जल्द ही बहस में बदल गई और फिर देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए।

गुस्साए पंडितों और आयोजकों के सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद हाथापाई शुरू हो गई। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब सुरक्षाकर्मियों ने कथित तौर पर हवा में गोलियां चलाईं, जिसमें तीन लोग घायल हो गए।

इसके बाद यज्ञ स्थल पर तोड़फोड़ का सिलसिला भी शुरू हो गया।

सड़क जाम और बढ़ता तनाव

हिंसा की खबर फैलते ही एक खास समुदाय के पंडितों में गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने यज्ञ स्थल के बाहर कुरुक्षेत्र-कैथल रोड पर जाम लगा दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और जाम को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

हालांकि, पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया, लेकिन इलाके में तनाव अब भी बरकरार है।

पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आयोजकों के निजी सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी का आरोप लगा है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर विवाद इतना कैसे बढ़ गया और गोली चलाने की नौबत क्यों आई। मौके पर तैनात

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

क्या है यह 1000 कुंडीय महायज्ञ?

यह 1000 कुंडीय महायज्ञ 18 मार्च से शुरू हुआ था और 27 मार्च तक चलने वाला था। इसके लिए 1008 यज्ञशालाएं तैयार की गई थीं, जहां हर दिन एक लाख आहुतियां दी जा रही थीं। इस बड़े आयोजन में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, मुख्यमंत्री की पत्नी सुमन सैनी और पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा जैसे

दिग्गज शामिल हुए थे। लेकिन अब यह धार्मिक समारोह हिंसा की वजह से सुर्खियों में आ गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस आयोजन को शांति और आस्था का प्रतीक माना जा रहा था, वहां ऐसा हंगामा किसी ने सोचा भी नहीं था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम तो यज्ञ का हिस्सा बनने आए थे, लेकिन गोलियों की आवाज सुनकर सब डर गए।”

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