कोलकाता में भाजपा का हंगामा: बार में महिलाओं को काम की इजाजत के खिलाफ प्रदर्शन

by Manu
बार में महिलाओं को काम की इजाजत के खिलाफ प्रदर्शन
कोलकाता, 22 मार्च: पश्चिम बंगाल में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सड़कों पर उतरने जा रही है। वजह है राज्य सरकार का वह फैसला, जिसमें बंगाल आबकारी अधिनियम में बदलाव कर महिलाओं को बार और शराब की ‘ऑन’ दुकानों में काम करने की मंजूरी दी गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत
मजूमदार और पार्टी के महिला मोर्चा के नेतृत्व में कार्यकर्ता कोलकाता में राज्य आबकारी विभाग के दफ्तर का घेराव करने की तैयारी में हैं।

क्या है ‘ऑन’ और ‘ऑफ’ दुकानों का मतलब?

‘ऑफ’ दुकानें वो हैं जहां से लोग शराब खरीदकर ले जाते हैं, यानी टेकअवे के लिए। वहीं ‘ऑन’ दुकानें ऐसी जगहें हैं, जैसे बार और रेस्तरां, जहां लोग बैठकर शराब पी सकते हैं। पश्चिम बंगाल वित्त विधेयक, 2025 के तहत हुए इस संशोधन ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। भाजपा इसे महिलाओं के सम्मान के
खिलाफ बता रही है, जबकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इसे पुराने भेदभाव को खत्म करने वाला कदम कह रही है।

भाजपा का गुस्सा, टीएमसी पर हमला

भाजपा ने टीएमसी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि शराब की दुकानों में महिलाओं को काम करने की छूट देना सशक्तिकरण नहीं, बल्कि उनका अपमान है। भाजपा नेत्री अग्निमित्र पॉल ने इस फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने शुक्रवार को भावुक होते हुए कहा, “क्या यही महिला
सशक्तिकरण है? बार में शराब परोसना महिलाओं को मजबूत बनाएगा? हम ऐसी नीति को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। इसके खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा।” पॉल का मानना है कि सरकार इस बहाने महिलाओं को गलत दिशा में धकेल रही है।

विधानसभा में पास हुआ विधेयक

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बुधवार को यह विधेयक पारित किया, जिसमें ‘ऑन’ शराब की दुकानों में महिलाओं के काम करने पर लगी रोक को हटा दिया गया। पहले इस रोक को भेदभावपूर्ण माना जाता था, लेकिन अब इसे हटाने के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। टीएमसी का तर्क है कि यह कदम
लैंगिक समानता की दिशा में एक प्रगतिशील फैसला है।

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