पटियाला, 17 मई 2025 : यदि पटियाला बस स्टैंड की पहचान की बात करें तो पंजाब सरकार की तरफ से इसको उद्घाटन समय एयरपोर्ट की तर्ज पर बना पहला अधुनिक बस स्टैंड नवीतनम सेवाओं के साथ लोगों के लिए शुरू किया गया था परंतु अब आधुनिक बस स्टैंड प्राथमिक असुविधाओं के कारण मुख्य सुर्खियां बटोरता नजर आ रहा है।
नए बस स्टेंड अंदर असुविधा यहां आने वाली सवारियों को पीने वाले पानी की है। अगर बात करें तो यह बस स्टैंड मार्डन होने के साथ साथ बहुत बड़ा भी है, जिस कारण पानी की सुविधा तो पीआरटीसी की तरफ से बस स्टैंड के एक छोर से दूसरे छोर तक की गई है परंतु इसकी मैनटेनस और पानी की स्पलाई प्रति पीआरटीसी की लापरवाही साफ झलकती है। जहां बस स्टैंड के एक तरफ तो पीने वाले पानी और हाथ धोने के लिए पानी की सुविधा तो मिल रही है परंतु बस स्टैंड के दूसरे छोर पर पानी की सुविधा से लोग वंचित हैं।
पानी के लिए लगाई गई टूटियों में से या तो पानी आता नहीं यदि कभी कभी आ जाये तो उस पानी की गति बहुत धीमा बूंद बूंद रहता है। जिस कारण भारी बैग या सामसान के साथ होने कारण सवारियां बस स्टैंड के दूसरे छोर से पानी भरने की हिम्मत नहीं जुटा पाती तथा उनको साथ ही दुकानों से महंगे पानी की बोतलें लेनी पडृती है।
टायलेट में भी पानी लीकेज समस्या से भी जूझ रहे हैं लोग
बस स्टैंड के अंदर बने टायलट की असुविधा भी सवारियों के लिए कम नहीं है टायलट के अंदर पानी की टूटियों का लीकेज होना, टूटा होना, बदबू और सफाई की कमी भी साफ दिखाई देती है। जिस कारण सवारियों टायलट अंदर जाने से गुरेज करते दिखाई देते हैं। हालाँकि यह समस्या यहां आने वाली सवारियों के अलावा यहाँ दुकानों कर रहे दुकानदारों और यहाँ काम करते पीआरटीसी स्टाफ को भी हैं।
परंतु दुकानदारों की तरफ से महंगे पानी की बोतलें बेचने के लालच में इस को ठीक कराने की माँग करना तो दूर की बात इस बारे हमारे प्रतिनिधि के साथ चर्चा करना भी बेफजूली समझा जाता और यदि यहां काम कर रहे पीआरटीसी स्टाफ से इस असुविधा बारे बात कर करने की कोशिश की तो वह अपनी ड्यूटी ओर काम के लिए होने का हवाला देते इस पर बात करने के लिए पीआरटीसी हैड आफिस नाभा रोड का रास्ता पता होने का सवाल कर तुरंत पक्ष बदल लेते हैं।
अधिकारी कुंभकरनी नींद सोए
अब यदि बस स्टैंड पर मौजूद स्टाफ या दुकानदार जो लगभग पूरा दिन इस आधुनिक बस स्टैंड पर मौजूद रहते हैं वही इस समस्या सम्बन्धित बात नहीं करेंगे तो थोड़ी देर के लिए आने वाली सवारियों द्वारा इसको आधुनिक बस स्टेंड नाम पर धोखा होने की बात कह कर अपने सफर की ओर चले जाना व इस समस्या का निदान ना मुमकिन कहना भी जायज लगता है। अब देखना होगा कि क्या आधुनिक बस स्टैंड के तौर पर जाने जाते पटियाला बस स्टेंड के लिए प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध या मेनटेन करवाने में पीआरटीसी हैड आफिस या उच्च पदों पर बैठे अधिकारी लोगों को कोई सुविधा देते हें या फिर कुंभकरनी नींद सोए रहेंगे।
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