ऑस्ट्रेलिया, 21 अप्रैल 2025: ऑस्ट्रेलिया में 3 मई को होने वाले आम चुनावों में भारतीय मूल के नागरिकों की भूमिका इस बार बेहद अहम मानी जा रही है। लगभग 8 लाख भारतीय मूल के मतदाता, जो कुल जनसंख्या का 3.1% हैं, इस चुनाव में हिस्सा लेंगे।
राजनीतिक पंडितो का क्या कहना है?
राजनीतिक पंडितो का कहना है कि भारतीय समुदाय की बढ़ती संख्या और सक्रियता ने राजनीतिक दलों को उनकी ओर ध्यान देने पर मजबूर कर दिया है। इस बार रिकॉर्ड 45 भारतीय मूल के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से 6 प्रमुख सीटों पर हैं, जहां भारतीय समुदाय की हिस्सेदारी 10% से अधिक है।
भारतीय समुदाय के लिए मुद्रास्फीति, आवास संकट और शिक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। एक स्थानीय मतदाता कुणाल कालरा ने कहा, “तीन वर्षों में मकान किराये में 35% की इज़ाफ़ा हुआ है। बीमा, भोजन, दवा और ईंधन पर खर्च दोगुना हो गया है।”
ग्रीनवे सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। लिबरल पार्टी के उम्मीदवार डॉ. रतन विर्क और लेबर पार्टी की मिशेल रोलैंड के बीच कड़ा मुकाबला है। सर्वेक्षणों के अनुसार, रतन विर्क जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लेबर पार्टी से निराश लोग इस बार लिबरल पार्टी को मौका दे सकते हैं।
राजनीतिक दलों ने भारतीय समुदाय को लुभाने के लिए महंगाई कम करने, वीजा बढ़ाने और मंदिर बनाने जैसे वादे किए हैं। चुनाव परिणाम भारतीय समुदाय के प्रभाव को स्पष्ट रूप से दिखाएंगे।
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