चंडीगढ़, 19 मार्च: प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच बुधवार को एक और दौर की बैठक होगी, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में सुबह 11 बजे होगी।
किसान संगठनों का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल होगा शामिल
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके मुद्दों का हल निकालेगी।
इससे पहले, 22 फरवरी को किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए थे।
एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर किसानों ने दिया था डेटा
पिछली बैठक में केंद्रीय टीम ने एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर किसानों से उनके दावों के समर्थन में डेटा मांगा था। किसानों ने बताया कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने में 25,000-30,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का खर्च आएगा। इससे पहले 14 फरवरी को भी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में एक बैठक हुई थी।
13 फरवरी 2024 से बॉर्डर पर डटे हैं किसान
इससे पहले फरवरी 2024 में किसानों और केंद्र सरकार के बीच चार दौर की वार्ताएं हुई थीं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसान संगठनों की मुख्य मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा कर्ज माफी, बिजली बिल में राहत और कृषि सुधार से जुड़ी नीतियों में बदलाव को लेकर भी है।
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