Mohan Bhagwat on Caste discrimination: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू धर्म में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान’ का मंत्र देकर लोगों को जागरूक किया। भागवत ने आदर्शों को अपनाकर सामाजिक समानता के दिशा में प्रयास करने का आह्वान किया। मोहन भागवत अलीगढ़ के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने हिंदू समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की जोरदार अपील की है। अलीगढ़ दौरे पर आए भागवत ने दो मुख्य शाखाओं एचबी इंटर कॉलेज और पंचान नगरी पार्क में स्वयंसेवकों को संबोधित किया।
अलीगढ़ में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, ‘हमें सभी वर्गों को समान सम्मान देना होगा। यह हमारा धर्म है, यह हमारी संस्कृति है।’
मोहन भागवत ने संघ के शताब्दी वर्ष के महत्व पर बल देते हुए स्वयंसेवकों से अपनी देशभक्ति और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने को कहा, ‘स्वयंसेवकों को हर घर में एकता और भाईचारे की भावना पैदा करके इस भूमिका के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। तीज-त्यौहार आदि मिलजुलकर मनाएं, एक-दूसरे के घर जाएं और समाज के सभी वर्गों के लोगों को आदरपूर्वक आमंत्रित करें।
मोहन भागवत ने कहा, ‘स्वयंसेवकों को सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों पर जोर देना चाहिए। साथ ही, हमारे त्यौहार सिर्फ उत्सव नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक एकता के अवसर भी हैं। इसलिए सभी वर्गों के लोगों को यह त्यौहार एक साथ मिलकर मनाना चाहिए। विश्व शांति और समृद्धि के लिए भारत की ओर देख रहा है।
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