केरल, 24 मार्च 2025: पिछले साल दिसंबर में अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या करने की कोशिश करने वाली नर्सिंग की तीसरे साल की छात्रा ने तीन महीने तक कोमा में रहने के बाद रविवार को दम तोड़ दिया है। 20 साल की चैतन्य कुमारी जो केरल के कोट्टायम की रहने वाली थी, उसने कथित तौर पर हॉस्टल वार्डन के मानसिक उत्पीड़न की वजह से यह कदम उठाया था।
चैतन्य ने आत्महत्या क्यों की?
चैतन्य मंजूर अस्पताल और नर्सिंग स्कूल की छात्रा थी। अधिकारियों के अनुसार वह एक दिन बाहर गई थी और बीमार होकर लौटी थी। इस पर हॉस्टल वार्डन रंजनी ने उसे डांटा और उसे खाना और पानी देने से मना कर दिया था।
इसके बाद 7 दिसंबर को चैतन्य ने आत्महत्या करने की कोशिश की और वह कोमा में चली गई।
इन अस्पताल मे चल रहा था इलाज
चैतन्य का इलाज पहले मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में हो रहा था। बाद में उसे कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ,फिर कन्नूर के एस्टर एमआईएमएस, और आखिर में कोझिकोड सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया जहाँ उसने दम तोड़ दिया।
इस घटना के बाद चैतन्य की मां और सहपाठियों ने वार्डन पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है। छात्रों ने बताया कि वार्डन का बर्ताव बहुत सख्त था और हॉस्टल की स्थिति “जेल जैसी” थी।
घटना के बाद वार्डन को ड्यूटी से हटा दिया गया था। अब छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने वार्डन को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।
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