नई दिल्ली , 23 जनवरी 2025: विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को जानकारी दी कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री रविवार से अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा की शुरुआत करेंगे।
मंत्रालय ने बताया कि मिस्री की यह यात्रा 26 जनवरी से 27 जनवरी तक चलेगी और इसका मुख्य उद्देश्य विदेश सचिव और उपमंत्री स्तर की बैठक में हिस्सा लेना है।
MEA ने यह भी कहा कि इस द्विपक्षीय तंत्र को पुनर्जीवित करने का फैसला नेतृत्व स्तर के उस समझौते का परिणाम है, जिसके तहत भारत-चीन संबंधों के भविष्य के दिशा-निर्देश तलाशने पर सहमति बनी थी। इसमें राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
अपनी यात्रा के दौरान मिस्री वीजा मुद्दों, सीधी उड़ानों की बहाली, समावेशी आर्थिक साझेदारी, और सीमा विवाद के शीघ्र समाधान जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सीमा विवाद को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
गलवान मे क्या हुआ था ?
गलवान घाटी संघर्ष 15 जून 2020 को भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुआ, जो दोनों देशों के बीच दशकों में सबसे बड़ी सैन्य भिड़ंत थी। यह संघर्ष सीमा विवाद और सैन्य निर्माण के कारण हुआ, खासकर गलवान घाटी में, जहां दोनों देश अपने-अपने हिस्से को नियंत्रित करने का दावा करते हैं। 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई हुई, जिसमें लाठी, पत्थर और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई, जबकि चीन को भी भारी नुकसान हुआ, हालांकि उसकी मृतकों की संख्या का खुलासा नहीं हुआ। बाद में दोनों देशों ने संघर्ष कम करने के लिए बातचीत शुरू की और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई। यह घटना भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ा।
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