वेटिकन, 21 अप्रैल 2025: पोप फ्रांसिस जो रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता थे। उनका सोमवार को 88 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वह 2013 में पोप चुने गए थे।जब उनके पहले पोप बेनेडिक्ट XVI ने त्यागपत्र दिया था।
फ्रांसिस का जन्म अर्जेंटीना में जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो के रूप में हुआ था। वह अमेरिका से आने वाले पहले पोप थे। उन्होंने अपने 12 साल के कार्यकाल में कई बार बीमारियों का सामना किया था। उनके अंतिम दिनों में उनकी सेहत को लेकर काफी चिंताएं थीं और उन्हें बार-बार अस्पताल जाना पढ़ता था।
पोप के द्वारा किए गए बदलाव
पोप चुने जाने के बाद उन्होंने चर्च में बहुत बदलाव किए थे। उन्होंने वेटिकन की नौकरशाही को सुधारने, चार प्रमुख शिक्षण दस्तावेज लिखने, और 900 से अधिक संतों को मान्यता देने जैसे कार्य किए है। उन्होंने 65 से ज्यादा देशों में यात्रा कर चर्च को आधुनिक समाज के करीब लाने का प्रयास किया था।
फ्रांसिस ने समलैंगिक दंपतियों को पादरियों द्वारा आशीर्वाद देने की अनुमति दी और महिलाओं को वेटिकन कार्यालयों का नेतृत्व करने का मौका दिया था। उन्होंने चर्च की यौन शिक्षाओं और महिलाओं के समन्वय जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा के लिए कई सम्मेलन आयोजित किए। उनका योगदान चर्च को समकालीन समाज से जोड़ने में काफी महत्वपूर्ण रहा है।
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