नई दिल्ली, 19 मार्च: दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और वरिष्ठ आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ 571 करोड़ रुपये की सीसीटीवी परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह मामला मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत एफआईआर के रूप में दर्ज किया गया, और इसके लिए संबंधित अधिकारियों से पूर्व मंजूरी प्राप्त की गई।
क्या है पूरा मामला?
संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसीबी) मधुर वर्मा ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना में देरी के कारण, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड हर्जाने को मनमाने तरीके से माफ कर दिया। वर्मा ने कहा कि यह माफी कथित रूप से 7 करोड़ रुपये की रिश्वत मिलने के बाद दी गई थी।
इसके अलावा, वर्मा ने यह भी बताया कि कई शिकायतों के आधार पर यह सामने आया है कि इस परियोजना को घटिया तरीके से क्रियान्वित किया गया था। शिकायतों के अनुसार, कई सीसीटीवी कैमरे हैंडओवर के समय काम नहीं कर रहे थे, जिससे परियोजना की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। यह परियोजना दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी, जिसके तहत दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।
इस मामले में एसीबी की ओर से आगे की जांच जारी है, सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है, हालांकि उनके समर्थकों का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित हो सकता है।
दिल्ली में इस सीसीटीवी परियोजना को लेकर सरकार के खिलाफ पहले भी कई बार आरोप लगाए गए हैं, खासकर परियोजना के गुणवत्ता और समयसीमा से संबंधित मुद्दों को लेकर। इस मामले ने अब एक नई मोड़ लिया है, जिसमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं।
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