दिल्ली, 8 अप्रैल 2025: दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति (ईवी नीति 2.0) का मसौदा जारी किया है। जिसमें कुछ मजबूत सिफारिशें की गई हैं।जिसमें सीएनजी ऑटोरिक्शा, पेट्रोल और डीजल दोपहिया वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना (2026 तक) और अधिकारियों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना शामिल है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसारऔपचारिक रूप से घोषित होने से पहले नीति को दिल्ली कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। हालांकि मसौदा नीति में उल्लिखित प्रस्ताव पहले से ही इंटरनेट पर चर्चा का विषय बने हुए हैं।
दिल्ली ईवी नीति 2.0 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- नीति में शहर में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए सीएनजी से चलने वाले ऑटोरिक्शा को व्यवस्थित रूप से इलेक्ट्रिक विकल्पों से बदलने का प्रस्ताव है। इसमें सिफारिश की गई है कि 15 अगस्त, 2025 से मालवाहक वाहनों के मामले में डीजल, पेट्रोल, सीएनजी तिपहिया वाहनों के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- तीसरी कार खरीदने की इच्छा रखने वाले परिवारों को इलेक्ट्रिक वाहन चुनना होगा, जिसका उद्देश्य निजी वाहन मालिकों के बीच ईवी अपनाने को बढ़ावा देना है।
- मसौदा नीति में एक मजबूत सिफारिश में यह भी कहा गया है कि 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
- नीति में दिल्ली भर में कई नए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना की रूपरेखा दी गई है, जिससे ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ चार्जिंग विकल्प सुनिश्चित होंगे।
- दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार के मसौदा विनियमन ने दिल्ली नगर निगम नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली जल बोर्ड के स्वामित्व वाले सभी कचरा संग्रह वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की सिफारिश की है। सरकार का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2027 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बेड़े को प्राप्त करना है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ी सिफारिशों के कारण प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई है।जिसमें उपयोगकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को अलोकतांत्रिक बताया है। हालांकि सरकारी अधिकारियों ने एक रिपोर्ट मे बताया कि कैबिनेट की मंजूरी के दौरान नीति में बदलाव हो सकते हैं।
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