नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के लिए चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने से मना कर दिया है। साथ ही, अदानी समूह के पक्ष में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटने से भी इनकार कर दिया। यह निर्णय यूएई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए लिया गया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धारावी पुनर्विकास परियोजना पर पहले ही काम शुरू हो चुका है, जिसमें रेलवे क्वार्टरों को ध्वस्त करने का काम भी शामिल है। सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी पिछली बोली को रद्द कर दिया गया था और परियोजना को अदानी प्रॉपर्टीज लिमिटेड को सौंपने का निर्णय लिया गया था।
धारावी पुनर्विकास परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कोई तत्काल राहत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस परियोजना से जुड़े सभी भुगतान एक ही एस्क्रो खाते से किए जाएंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने अपनी पीठ के साथ मिलकर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन का भी विकास किया जाएगा और इसे परियोजना में शामिल किया जाएगा।
न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और अडानी प्रॉपर्टीज को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई 25 मई को तय की। इस बीच, सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वे अपनी बोली में 20 प्रतिशत की वृद्धि करने को तैयार हैं। पीठ ने सेकलिंक को निर्देश दिया कि वह अपनी संशोधित बोली का विवरण प्रस्तुत करने के लिए एक हलफनामा पेश करें।
धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर अब स्थिति साफ नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह निश्चित हो गया है कि परियोजना का कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।