चेन्नई, 03 मार्च: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार की परिसीमन योजना पर तीखा व्यंग्य किया है। उन्होंने नवविवाहितों से तत्काल परिवार नियोजन करने की अपील की है ताकि राज्य को परिसीमन के दौरान फायदा हो सके। स्टालिन ने यह बयान नागपट्टिनम में डीएमके के जिला सचिव के विवाह समारोह में दिया।
एमके स्टालिन: नवविवाहितों से तुरंत परिवार नियोजन का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा, “पहले मैं नवविवाहितों से कहता था कि वे परिवार नियोजन करने से पहले समय लें, लेकिन अब केंद्र सरकार की परिसीमन जैसी नीतियों को देखते हुए मैं उनसे यह कह सकता हूं कि वे जल्दी से बच्चे पैदा करें और उन्हें अच्छे तमिल नाम दें।” उनका यह बयान परिसीमन प्रक्रिया के संदर्भ में था, जिसके तहत 2026 के बाद संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं को जनसंख्या परिवर्तन के आधार पर फिर से निर्धारित किया जाएगा।
डीएमके नेता ने यह भी आरोप लगाया कि इस परिसीमन अभ्यास से दक्षिणी राज्य, विशेष रूप से तमिलनाडु, को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों ने दशकों तक प्रभावी रूप से परिवार नियोजन को लागू किया है और अब जब जनसांख्यिकीय बदलाव के आधार पर परिसीमन किया जाएगा, तो यह उनके खिलाफ काम कर सकता है। इससे संसद में दक्षिणी राज्यों की भूमिका कमजोर हो सकती है, हालांकि इन राज्यों का देश के विकास में योगदान और सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है।
बीजेपी का जवाब
एमके स्टालिन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रवक्ता सीआर केशवन ने कहा कि डीएमके का यह बयान “ध्यान भटकाने वाला नाटक” है। उन्होंने कहा, “क्या डीएमके राहुल गांधी के बयान ‘जितनी आबादी, उतना हक’ पर स्पष्टीकरण देने का साहस दिखाएगी? यह बयान डीएमके के दावों के खिलाफ है, क्योंकि गांधी ने जनसंख्या के अनुपात में अधिकार की बात की है, जबकि डीएमके इस पर पूरी तरह से विपरीत रुख अपना रही है।”
केशवन ने आरोप लगाया कि डीएमके “अपनी कुप्रबंधन और कुशासन से ध्यान भटकाने के लिए यह बयान दे रही है।”
केंद्र और राज्य के बीच तनाव
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नाम पर हिंदी थोपने का आरोप भी लगाया। उन्होंने राज्य भाजपा से अपील की कि वह परिसीमन मुद्दे पर 5 मार्च को आयोजित सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार न करें। स्टालिन ने कहा कि परिसीमन से तमिलनाडु में लोकसभा सीटों की संख्या घट सकती है, जो राज्य के लिए एक गंभीर समस्या बन सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा करने के लिए चुनाव आयोग में पंजीकृत 40 दलों को आमंत्रित किया गया है। इनमें से अधिकांश ने बैठक में भाग लेने की सहमति दी है, हालांकि कुछ दलों ने इसमें भाग लेने से इंकार किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी दलों से एकजुट होकर इस मुद्दे पर खड़ा होने की अपील की, क्योंकि यह केवल डीएमके का नहीं, बल्कि राज्य के समग्र कल्याण का सवाल है।
राजनीतिक संकट और भविष्य के प्रभाव
केंद्र सरकार की परिसीमन योजना को लेकर तमिलनाडु में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। दक्षिणी राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण की नीति को लेकर पहले ही असंतोष बढ़ चुका है, और अब परिसीमन जैसे मुद्दे से यह असंतोष और गहरा सकता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने साफ तौर पर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से अपनी चिंता व्यक्त की है, और आगामी सर्वदलीय बैठक को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
परिसीमन योजना, जो देश के जनसंख्या बदलाव को ध्यान में रखते हुए राज्यों की राजनीतिक सीमाओं का पुनः निर्धारण करती है, तमिलनाडु जैसे राज्य के लिए एक चुनौती बन सकती है, जहां पहले से ही जनसंख्या नियंत्रण और विकास की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
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