नगरकुरनूल, 03 मार्च: तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में स्थित श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) की सुरंग के ढहने से फंसे आठ श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान पिछले 10 दिनों से जारी है, लेकिन अभी तक कोई सफलता प्राप्त नहीं हो पाई है। ये आठ लोग, जिनमें इंजीनियर और मजदूर शामिल हैं, 22 फरवरी से सुरंग में फंसे हुए हैं।
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग: बचाव अभियान की स्थिति
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कमांडेंट वीवीएन प्रसन्ना कुमार ने सोमवार को बताया कि आठ फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 12 विभिन्न एजेंसियां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। हालांकि, अब तक इन श्रमिकों से संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका है। प्रसन्ना कुमार ने कहा, “वास्तव में, अभियान पूरे जोरों पर चल रहा है। पीड़ितों को खोजने के लिए लगभग बारह एजेंसियां चौबीसों घंटे काम कर रही हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश, हम अभी तक उनका पता नहीं लगा पाए हैं।”
सरकारी सहायता और विशेषज्ञों की तैनाती
कुमार ने कहा कि इस जटिल सुरंग बचाव अभियान को सफल बनाने के लिए तेलंगाना और केंद्र सरकार ने देशभर से शीर्ष विशेषज्ञों को भेजा है। सुरंग संचालन की जटिलता के कारण अब तक बचावकर्मी सफलता नहीं पा सके हैं, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि योजनाबद्ध तरीके से अधिकतम जनशक्ति का उपयोग किया जा रहा है और सफलता जल्द मिलेगी।
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग: मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का दौरा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया और बचाव प्रयासों का मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए लगातार काम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसएलबीसी परियोजना की आंशिक रूप से ढह गई सुरंग के भीतर फंसे आठ लोगों की सटीक स्थिति अभी भी अज्ञात है। रेड्डी ने बताया कि एक बार टूटे हुए कन्वेयर बेल्ट को ठीक कर लिया जाएगा, तो बचाव अभियान में तेजी आएगी।
कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत
रेड्डी ने कहा, “गाद-परिवहन कन्वेयर बेल्ट सोमवार तक फिर से चालू हो जानी चाहिए, जिससे बचाव प्रयासों में तेजी आएगी।” उन्होंने कहा कि बचावकर्मी अब तक यह पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि लोग और मशीनरी कहां फंसे हुए हैं, लेकिन उनके पास प्रारंभिक अनुमान है। उन्होंने इस अभियान को अगले दो से तीन दिनों में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचने की उम्मीद जताई, जिसके बाद अगले कदमों के बारे में अधिक जानकारी दी जा सकेगी।
सरकार का समर्थन
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के लिए सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है और इस संकट का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वह केवल बचाव अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर स्थिति का आकलन कर रहे हैं, और इस मामले पर बयान देने में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए।
सुरंग बचाव अभियान की जटिलता और उम्मीदें
यह बचाव अभियान एक चुनौतीपूर्ण और जटिल ऑपरेशन बन चुका है, क्योंकि सुरंग की संरचना और अन्य तकनीकी समस्याएं कार्य को और मुश्किल बना रही हैं। हालांकि, सरकारी अधिकारियों और बचावकर्मियों की पूरी कोशिश है कि इस अभियान को जल्द से जल्द सफलता मिले और फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
ये भी देखे: दिल्ली उच्च न्यायालय का स्मार्टफोन उपयोग पर निर्णय: दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव