चंडीगढ़, 11 दिसंबर 2025: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस और अन्य के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। यह फैसला 2015 के बरगाड़ी बेअदबी घटना से जुड़े विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में आया है। जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि CrPC की धारा 195 का बार मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के स्टेज पर ही लागू होता है। FIR या जांच के इस चरण पर यह लागू नहीं होता।
कोर्ट ने बैंस की दलील को खारिज करते हुए कहा कि IPC कोर्ट को कुछ अपराधों खासकर पब्लिक जस्टिस के खिलाफ का संज्ञान लेने से रोकता है जब तक संबंधित पब्लिक सर्वेंट या कोर्ट शिकायत न दर्ज करे। यह प्रावधान फालतू प्राइवेट केस रोकने और न्यायिक ईमानदारी बनाए रखने के लिए है। लेकिन धारा 195 का यह बार सिर्फ मजिस्ट्रेट के संज्ञान स्टेज पर आता है। अभी मामला जांच के शुरुआती दौर में है। इसलिए कथित उल्लंघन FIR रद्द करने का आधार नहीं बन सकता।