नई दिल्ली , 08 फ़रवरी 2025: Omar Abdullah दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों में भाजपा की शानदार बढ़त के शुरुआती संकेत मिलते ही, जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर एक तीखा संदेश पोस्ट किया है। उन्होंने एक GIF के साथ लिखा, “और लड़ो, जी भर के लड़ो, समाप्त कर दो एक दूसरे को।” यह पोस्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच चल रही राजनीतिक जंग को लेकर था, जिसमें दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
भाजपा की बढ़त के बाद Omar Abdullah का तंज
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा लगभग 50 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि आप और कांग्रेस के बीच तनाव और आरोपों का दौर जारी है। Omar Abdullah ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “और लड़ो आपस में,” ताकि यह संदेश साफ हो सके कि कांग्रेस और आप अपने बीच की राजनीतिक लड़ाई में एक-दूसरे से जूझ रहे हैं।
कांग्रेस और आप का अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। इस दौरान दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखा हमला किया, यहां तक कि आप पर भाजपा की “बी-टीम” होने का आरोप भी लगाया गया।
हरियाणा में कांग्रेस की हार और गठबंधन की विफलता
हरियाणा में कांग्रेस को मिली अपमानजनक हार के बाद, कांग्रेस और आप के गठबंधन से जुड़े सवाल और भी गर्म हो गए। यहां तक कि दोनों दलों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए कि अगर वे एकजुट होते तो भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकते थे। हरियाणा में भाजपा 2014 से सत्ता में थी, और माना जा रहा था कि वह सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी, लेकिन कांग्रेस और आप का गठबंधन न होने के कारण भाजपा को फिर से जीत मिली।
Omar Abdullah का गठबंधन पर बयान
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले ही कहा था कि भारत गठबंधन के नेतृत्व या एजेंडे के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए था, तो इसे समाप्त कर दिया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा था कि कांग्रेस को विपक्षी दलों के बीच नेतृत्व को लेकर अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित करना होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा, “कांग्रेस को गठबंधन के नेतृत्व को हल्के में नहीं लेना चाहिए।”
कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल
Omar Abdullah ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, कांग्रेस अपने नेतृत्व को साबित करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि विपक्षी आंदोलन का स्वाभाविक नेतृत्व कांग्रेस का है, लेकिन कुछ सहयोगी दलों में इस नेतृत्व को लेकर असंतोष भी है।
भारत ब्लॉक की स्थिति और ममता बनर्जी की दावेदारी
इस बीच, ममता बनर्जी ने भारत ब्लॉक का नेतृत्व करने की दावेदारी पेश की थी और उन्हें कुछ सहयोगियों का समर्थन भी मिला था। यह स्थिति बताती है कि भारत गठबंधन की दिशा अब और भी बिखर चुकी है। शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के गठबंधन की हार के बाद यह स्थिति और गंभीर हो गई है।
उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी और दिल्ली चुनाव के परिणाम एक बार फिर यह साबित करते हैं कि भारतीय राजनीति में गठबंधन और नेतृत्व के मुद्दे बेहद जटिल हो सकते हैं। कांग्रेस और आप के बीच की लड़ाई और भाजपा की लगातार बढ़ती ताकत यह संकेत देती है कि आने वाले समय में भारतीय राजनीति में कुछ और बड़े बदलाव हो सकते हैं।
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