नई दिल्ली, 10 मार्च: जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ हत्या के मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम देते हुए 17 मार्च तक का समय दिया है। शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि 17 मार्च को देशभर में प्रदर्शन शुरू होंगे, और वे खुद दिल्ली में भी बैठेंगे।
शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दोनों नेता गौ माता के बड़े प्रेमी बनने का ढोंग करते हैं, लेकिन यह केवल तस्वीरों के लिए है। उनके अनुसार, पिछले 11 सालों में गौ माता के लिए सरकार का प्रदर्शन तस्वीरों से अलग था, और यह कोई ठोस कदम नहीं था।
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: गौ माता को सम्मान का सवाल
शंकराचार्य ने राजनीतिक दलों से सवाल किया कि अगर वे गौ माता को मानते हैं, तो उसे सही सम्मान क्यों नहीं दिया जाता? उन्होंने कहा कि गौ हत्या पर केवल वोट मांगे जाते हैं, लेकिन यह साबित नहीं होता कि नेता वास्तव में गाय के पक्ष में हैं या नहीं। उनका कहना था कि गाय को माता का दर्जा मिलना चाहिए, और इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) उनसे पूछताछ कर रही है कि प्रदर्शन के लिए कौन आ रहा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई हिंसक आंदोलन नहीं होगा। उनका उद्देश्य सिर्फ जागरूकता फैलाना है, न कि जनता को परेशान करना या रास्ता जाम करना।
125 करोड़ गौ प्रेमियों का प्रतिनिधित्व
उन्होंने कहा कि जैसे प्रधानमंत्री मोदी 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं, वैसे ही वे 125 करोड़ गौ प्रेमियों की ओर से रामलीला मैदान में बैठेंगे और इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। शंकराचार्य ने इस आंदोलन को एक शांतिपूर्ण और ठोस कदम के रूप में प्रस्तुत किया, ताकि गौ माता के संरक्षण की दिशा में सरकार को मजबूर किया जा सके।
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