Hyderabad Blast: तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला, पांच दोषियों की मौत की सजा बरकरार

by Manu
दिलसुखनगर बम विस्फोट पर तेलंगाना हाईकोर्ट

Hyderabad Dilsukhnagar Blast Case: तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार, 08 अप्रैल 2025 को 2013 के दिलसुखनगर बम विस्फोट मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के पांच आतंकवादियों की मौत की सजा को बरकरार रखा है। इस हमले में 18 लोगों की मौत हुई थी जबकि 131 लोग घायल हुए थे। जस्टिस के. लक्ष्मण और जस्टिस पी. श्री सुधा की खंडपीठ ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कोर्ट के 2016 के फैसले को सही ठहराते हुए आतंकियों की आपराधिक पुनरीक्षण अपील को खारिज कर दिया है।

तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा, “ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा-ए-मौत की पुष्टि की जाती है।”

एनआईए कोर्ट ने 13 दिसंबर 2016 को आईएम के सह-संस्थापक यासीन भटकल (मोहम्मद अहमद सिदीबापा), पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और एजाज शेख को दोषी करार दिया था।

यह हमला 21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के व्यस्त दिलसुखनगर इलाके में हुआ था, जहां दो विस्फोटों ने भारी तबाही मचाई थी।

इन आतंकियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश और हत्या जैसे संगीन आरोप सिद्ध हुए थे। हाईकोर्ट के इस फैसले ने निचली अदालत के निर्णय को मजबूती दी, जिसे “रेयर ऑफ रेयरेस्ट” मामला करार दिया गया था। हालांकि, दोषियों के वकील ने संकेत दिया है कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

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