हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को एसपी के रूप में बहाल करने की याचिका खारिज की

by The_UnmuteHindi
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इल्मा अफरोज को एसपी के रूप में बहाल करने की याचिका खारिज की

शिमला, 04 मार्च: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को बद्दी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में बहाल करने की मांग वाली जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया। यह याचिका ढोलोवाल गांव के कृषक सुच्चा राम ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अफरोज पर छुट्टी लेने के लिए दबाव डाला गया था और उनके तबादले के बाद क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई।

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए अफरोज के तबादले पर लगी रोक को भी रद्द कर दिया।

इल्मा अफरोज की छुट्टी और तबादला

2018 बैच की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को पिछले साल 27 जनवरी को बद्दी एसपी के रूप में तैनात किया गया था, लेकिन 7 नवंबर को उन्होंने 15 दिन की अर्जित छुट्टी ली। अफरोज की छुट्टी कांग्रेस के दून विधायक राम कुमार चौधरी के साथ मतभेदों के कारण ली गई थी, हालांकि चौधरी ने किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है। अफरोज के तबादले के बाद 14 नवंबर को एचपीपीएस के अधिकारी विनोद कुमार धीमान को बद्दी एसपी का प्रभार दिया गया।

खनन माफिया और अफरोज की सख्त कार्रवाई

याचिकाकर्ता सुच्चा राम ने दावा किया कि अफरोज ने एसपी रहते हुए बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। राम का आरोप था कि अफरोज की तैनाती से पहले खनन माफियाओं द्वारा अवैध गतिविधियां बेरोकटोक चल रही थीं, खासकर पंजाब-हरियाणा सीमा के पास सोलन जिले में 43 खनन क्रशर इकाइयाँ सक्रिय थीं, जिन्हें स्थानीय राजनेताओं, विधायकों और अन्य लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा था।

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव और जांच

इससे पहले, विधायक राम कुमार चौधरी ने अफरोज के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया था। इसके बाद डीआईजी अभिषेक दुल्लर को इस मामले की जांच सौंप दी गई थी और राज्य पुलिस ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा सचिव के कार्यालय को फरवरी में सौंप दी थी।

न्यायालय का आदेश और आगे की प्रक्रिया

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गृह सचिव और डीजीपी को 4 जनवरी, 2025 तक इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को दिए गए निवासियों के अभ्यावेदन का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें अफरोज को एसपी के रूप में बहाल करने का अनुरोध किया गया था।

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