भारत ने एक बार फिर रक्षा क्षेत्र में सफलता हासिल किया है। भारत ने एक लेजर आधारित हथियार विकसित किया है जो विमान, मिसाइलों और ड्रोन को मार गिरा सकता है। इसके साथ ही भारत उच्च शक्ति वाले लेजर हथियार रखने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है। भारत ने यह उपलब्धि कुर्नूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज में एमके-2(ए) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम के परीक्षण के साथ हासिल की।
लेजर हथियार: DRDO की एक और सफलता
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एमके-2(ए) लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम का परीक्षण रविवार (13 अप्रैल) को कुरनूल के नेशनल ओपन रेंज में किया गया। जिसने मिसाइलों, ड्रोनों और छोटे प्रक्षेपास्त्रों को नष्ट कर दिया। एमके-2(ए) डीईडब्ल्यू प्रणाली ने कई ड्रोन हमलों को विफल कर दिया है और बिजली की गति, सटीकता और सेकंडों में लक्ष्यों को नष्ट करने की शक्ति के साथ दुश्मन के निगरानी सेंसर और एंटेना को नष्ट कर दिया है। इस सफलता ने भारत को अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल कर दिया है। इन देशों के पास उच्च शक्ति वाली लेजर डी.ई.डब्लू. तकनीक है।
डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी. कामत ने कहा, ‘केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास ही ऐसी क्षमताएं हैं।’ इजराइल भी इस दिशा में अभी काम कर रहा है। भारत दुनिया का चौथा या पांचवां देश है जिसने लेजर तकनीक से लैस हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया है। डीआरडीओ कई प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है जो हमें स्टार वार्स जैसी क्षमताएं प्रदान करेंगी। यह तो एक शुरूआत है। हम उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव और विद्युत चुम्बकीय स्पंदन जैसी प्रणालियों पर भी काम करते हैं। ये सभी हथियार प्रणालियां हमें स्टार वार्स जैसी तकनीक प्रदान करेंगी।
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