प्रयागराज,11 जून 2025: प्रयागराज में करछना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक संविदा महिला चिकित्सक को ड्यूटी में लापरवाही करने और मरीज को बिना ईलाज किए लौटाने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ के सख्त रुख के बाद डॉक्टर के निजी अस्पताल को सील कर दिया गया है। अब उन्हें एसआरएन अस्पताल के 50 गंभीर मरीजों का ईलाज बिना किसी फ़ीस के यानी निःशुल्क ईलाज करने का आदेश दिया गया है।
गंभीर हालत में ईलाज के लिए पहुँची थी महिला
डॉ. पल्लवी सिंह, अंदावा स्थित अपने निजी अस्पताल में मरीज देख रही थीं, उनके पास एक गरीब महिला गंभीर हालत में ईलाज के लिए पहुँची। महिला के पास ईलाज़ के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। डॉ. पल्लवी ने उसे इलाज करने से इनकार कर दिया और महिला बिना ईलाज के ही वापिस लौटना पड़ा। इसकी जानकारी आस पास के इलाके में फैल गई और फिर जिला प्रशासन तक पहुँच गई।
अस्पताल को किया गया सील
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन जून को हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में सीएमओ और सीएचसी प्रभारी से जवाब माँगा। लापरवाही की पुष्टि होते ही अगले ही दिन यानि चार जून को उनके निजी अस्पताल को सील कर दिया गया। जिलाधिकारी ने डॉ. पल्लवी और उनके डॉक्टर पति को कार्यालय में तलब किया। सीएमओ डॉ. एके तिवारी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि डॉक्टर को सीएचसी करछना में सिजेरियन प्रसव का जो लक्ष्य निर्धारित था, वह पूरा नहीं हुआ। साथ ही, वह नियमित रूप से ड्यूटी से अनुपस्थित भी पाई गईं।
चिकित्सक को 50 गंभीर मरीजों का मुफ्त इलाज करने का मिला आदेश
जाँच करने पर दोषी पाए जाने के बाद चिकित्सक डॉ. पल्लवी ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में ऐसी चूक न करने का वादा किया। डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने मानवता और सेवा भाव की सीख देते हुए आदेश दिया कि डॉक्टर अब एसआरएन अस्पताल के 50 गंभीर मरीजों का मुफ्त इलाज करेंगी। जिसपर डॉक्टर ने पूरी सहमति जताई। यह मामला चिकित्सा सेवा में अपनी जिम्मेवारी और संवेदनशीलता की मिसाल बन गया है, जिससे सभी स्वास्थ्यकर्मियों को भी सीख लेने की जरूरत है।