Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत, कंपनी 23 करोड़ नए शेयर जारी करेगी और मौजूदा शेयरधारक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे।
Tata Capital IPO: भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों का पालन
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के “ऊपरी परत” गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए निर्धारित नियमों के तहत, टाटा कैपिटल को इस साल सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। यह कदम कंपनी की प्रगति और नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
टाटा समूह की पहली IPO लॉन्च
टाटा कैपिटल, नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के सार्वजनिक होने के बाद टाटा समूह की पहली कंपनी होगी, जो आईपीओ लॉन्च करेगी। हालांकि कंपनी ने आईपीओ के आकार, अपेक्षित मूल्यांकन या समयसीमा के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है, फिर भी टाटा समूह के मजबूत ब्रांड और भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में स्थिर वृद्धि को देखते हुए, लिस्टिंग पर निवेशकों की निगाहें बनी रहेंगी।
कंपनी की पृष्ठभूमि और सेवाएं
टाटा कैपिटल की स्थापना 2007 में हुई थी और यह विभिन्न प्रकार के लोन जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन और प्रॉपर्टी के बदले लोन मुहैया कराती है। इसके अलावा, यह वेल्थ मैनेजमेंट और निवेश सेवाएं भी प्रदान करती है।
Tata Capital IPO: टाटा संस की बड़ी हिस्सेदारी
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस, टाटा कैपिटल में सबसे बड़ी शेयरधारक है, जिसकी मार्च 2024 तक 92.8% हिस्सेदारी है। आईपीओ के बाद टाटा संस की हिस्सेदारी कम हो जाएगी, हालांकि यह कितनी कम होगी, यह आईपीओ की अंतिम संरचना पर निर्भर करेगा।
Tata Capital IPO: राइट्स इश्यू की मंजूरी
आईपीओ योजनाओं के अलावा, टाटा कैपिटल के बोर्ड ने 1,504 करोड़ रुपये (लगभग $173 मिलियन) के राइट्स इश्यू को भी मंजूरी दे दी है। इस कदम से कंपनी को अपनी सार्वजनिक लिस्टिंग से पहले पूंजी आधार को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जो उसे भविष्य में बेहतर वित्तीय स्थिति में रखेगा।
टाटा कैपिटल का आईपीओ भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, और निवेशकों की उम्मीदें इस लिस्टिंग से जुड़ी हुई हैं।
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