नई दिल्ली , 29 जनवरी 2025: भारत ने टोरंटो (India-Canada tensions) के चुनावों में कुछ विदेशी सरकारों द्वारा हस्तक्षेप करने के कनाडाई आयोग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले में पलटवार करते हुए कनाडा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह वास्तव में कनाडा है, जो लगातार भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और अवैध प्रवास और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए माहौल बना रहा है।
भारत का पक्ष

India’s comments on a Canadian Commission’s report
भारत ने कहा, “हम भारत पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं और उम्मीद करते हैं कि कनाडा भविष्य में अवैध प्रवास को सक्षम करने वाली प्रणाली का समर्थन नहीं करेगा।”
कनाडाई अखबार ‘द ग्लोब एंड मेल’ में प्रकाशित रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत ने संघीय चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को “गुप्त वित्तीय सहायता” देने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल किया। इस संदर्भ में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में न्यायमूर्ति मैरी-जोस हॉग को चीन, रूस और अन्य देशों द्वारा चुनावों में हस्तक्षेप करने के आरोपों की जांच करने के लिए आयोग का नेतृत्व करने का निर्देश दिया था।
भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव
इससे पहले, जून 2023 में कनाडा की संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया समिति ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ सांसद जानबूझकर या अर्ध-जानबूझकर विदेशी हस्तक्षेप में शामिल हो सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारत, चीन के बाद, कनाडा में चुनावी हस्तक्षेप करने वाला दूसरा सबसे सक्रिय देश है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया था कि कनाडा और भारत के रिश्ते में कई पुरानी चुनौतियां रही हैं, जो भारत के विदेशी हस्तक्षेप की गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।
इस रिपोर्ट में 2022 के अक्टूबर में कनाडा द्वारा छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने का उल्लेख भी किया गया था। कनाडा ने इन राजनयिकों को ‘एजेंट’ करार दिया था और आरोप लगाया था कि ये भारत सरकार के हिंसा अभियान का हिस्सा थे। इसके बाद, भारत ने कनाडा के प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया और कड़ा विरोध जताया। भारत ने इस निष्कासन को निराधार बताया और कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों को गलत तरीके से निशाना बनाना अस्वीकार्य है।
कनाडा ने निज्जर की हत्या का आरोप भी भारत पर लगाया था
इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में गलत सूचना फैलाने की कोशिश की थी। हालांकि, रिपोर्ट ने खुद ही इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कनाडा को निज्जर की हत्या में किसी विदेशी राज्य का हस्तक्षेप नहीं मिला। भारत ने इस आरोप का जोरदार खंडन करते हुए इसे पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि इस तरह के आरोपों को पूरी अवमानना के साथ खारिज किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि ऐसे “बदनाम अभियान” केवल भारत और कनाडा के पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और नुकसान पहुंचाते हैं।
भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के राजनयिकों के निष्कासन और ऐसे विवादों के कारण संबंधों में तनाव बढ़ा है। दोनों देशों के बीच कुछ समय से विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर मतभेद जारी हैं। इस प्रकार, इन आरोपों को लेकर दोनों देशों के बीच और भी जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
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