नई दिल्ली, 27 जनवरी 2025: सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन विधेयक(Waqf Amendment Bill 2024) को मंजूरी दे दी, जिसमें देशभर में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों के प्रबंधन के तरीके में 44 महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। यह विधेयक पिछले साल अगस्त में सदन में पेश किए गए मसौदे से संबंधित है, जिसमें 14 बदलाव किए गए थे। समिति, जिसकी अगुआई भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं, को कुल 66 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से 23 सत्तारूढ़ भाजपा के सांसदों द्वारा और 44 विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए थे।
विपक्ष द्वारा प्रस्तावित बदलाव खारिज:
हालांकि, पार्टी लाइन पर मतदान के बाद विपक्ष द्वारा प्रस्तावित बदलावों को खारिज कर दिया गया। जेपीसी में भाजपा और सहयोगी दलों के 16 सांसद हैं, जबकि विपक्ष के पास केवल 10 सांसद हैं।
सूत्रों के अनुसार, 14 बदलावों को मंजूरी देने के लिए मतदान 29 जनवरी को होगा और अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक प्रस्तुत की जाएगी। पहले समिति को 29 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था, लेकिन उस समय सीमा को बढ़ाकर 13 फरवरी किया गया है, जो बजट सत्र का आखिरी दिन है।
JPC के अध्यक्ष का इस पर बयान :
जगदंबिका पाल ने कहा, “हमने छह महीने में इस पर विस्तृत चर्चा की और सभी सदस्याओं से संशोधन प्रस्तुत करने का आग्रह किया। यह हमारी आखिरी बैठक थी। 14 संशोधनों को बहुमत से स्वीकार किया गया, जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए प्रत्येक बदलाव पर मतदान हुआ, जिसमें 16 सांसदों ने विरोध किया और 10 ने समर्थन किया।”
विधेयक पर चर्चा करने के लिए समिति ने लगभग तीन दर्जन सुनवाई की हैं, लेकिन विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष पर सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया है, जिसके कारण कई सुनवाईयों में अराजकता देखने को मिली।
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, “श्री पाल ने सभी की बात सुनी और हर सदस्य को पर्याप्त समय दिया, ताकि वे अपने संशोधन पेश कर सकें।” वहीं, पिछले सप्ताह विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर चिंता जताई थी, जिसमें उनका कहना था कि श्री पाल 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को “धीमे से पारित” करने का प्रयास कर रहे हैं।
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