उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों पर कड़ी कार्रवाई तेज की, मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया

by The_UnmuteHindi
उत्तराखंड अवैध मदरसों को सील किया गया है

उत्तराखंड सरकार ने राज्य भर में अवैध मदरसों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। पिछले 15 दिनों में 52 मदरसों को सील किया गया है, जिनके संचालन को लेकर राज्य सरकार ने गंभीर आपत्तियां उठाई हैं। सरकार के अनुसार, इन मदरसों का पंजीकरण उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के साथ नहीं था और उनके नक्शे मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) द्वारा अनुमोदित नहीं थे। अधिकारियों का कहना है कि इन मदरसों के निर्माण के लिए कोई वैध अनुमति नहीं थी, जिससे ये अवैध माने गए और सील किए गए।

मुख्यमंत्री का बयान: कार्रवाई जारी रहेगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी सरकार अवैध धार्मिक संस्थानों और अतिक्रमणों के खिलाफ पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई एक सतत प्रयास का हिस्सा है और इसे लगातार जारी रखा जाएगा।

धामी ने कहा, “हमने अवैध मदरसों और अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। अब पूरी जांच के बाद, जिन संस्थानों को अवैध पाया गया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।”

मुस्लिम समुदाय का विरोध: ‘यह असंवैधानिक कदम है’

उत्तराखंड मुस्लिम सेवा संगठन ने देहरादून की जामा मस्जिद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने सरकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नईम कुरैशी और इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने कहा कि यह कदम असंवैधानिक है और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने इस कार्रवाई को सामाजिक और धार्मिक सौहार्द्र के लिए हानिकारक करार दिया।

बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी की आलोचना

इस विवाद में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती भी कूद पड़ीं और उत्तराखंड सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के “पूर्वाग्रही” और “गैर-धर्मनिरपेक्ष कदमों” से बचना चाहिए, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। मायावती ने सरकार से अपील की कि वह साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अपने फैसलों पर पुनर्विचार करे।

उत्तराखंड सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक सतत प्रयास का हिस्सा है, जो सभी धर्मों के बीच समानता और कानून के पालन को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई केवल अवैध मदरसों और अतिक्रमणों के खिलाफ है, और सरकार का उद्देश्य राज्य में सभी धार्मिक संस्थाओं को समान रूप से मान्यता देने और कानून के दायरे में लाना है।

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