Ramadan 2025: रमजान का पाक महीना चल रहा है और आज 7 मार्च को माह-ए-रमजान का पहला जुमा मनाया जा रहा है. इस्लाम में जुमा की नमाज की काफी अहमियत है. आज शुक्रवार को रोजेदार जुमे की नमाज अदा करेंगे.
इस साल रमजान की शुरुआत 2 मार्च से हुई है और इसकी समाप्ति 30 या 31 मार्च को होने की संभावना है. वहीं आज 7 मार्च को रमजान महीने के जुमे की पहली नमाज़ अदा की जाएगी. जुमे की नमाज के लिए आज काफी संख्या में रोजेदार मस्जिद पहुंचते हैं और अल्लाह से रहमत बरसाने की दुआ व नमाज़ अदा करते हैं.
आज की जुमे की नमाज का समय
जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में विशेष साफ-साफई की जाती है. जुमे की नमाज आज दोपहर 12:33 पर अदा की जाएगी. हालांकि अलग-अलग मस्जिदों में जुमे की नमाज की समय में कुछ मिनटों का अंतर भी होता है.
हदीस में इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा से आया है कि, अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया- ”यह ईद का दिन है जिसे अल्लाह ने मुसलमानों के लिए बनाया है. इसलिए जो मुसलमान जुमा नमाज के लिए आएं तो उसे नहाना जरूर चाहिए, इत्र लगाना चाहिए और मिस्वाक तो लाज़िम है.
इस तरह से मुसलमानों के लिए तीन ईद होती हैं जोकि इस प्रकार है- ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अज़हा ऐसे ईद है जो हर साल आते हैं. वहीं जुमा, सप्ताह में एक बार शुक्रवार को आता है.
इबादत के महीने रमजान में जुमे का महत्व काफी हो जाता है. माना जाता है कि रोजा रखकर जो रोजेदार जुमे की नमाज अदा करते हैं उनपर अल्लाह की बरकत रहती है. इस साल रमजान में कुल 4 जुमा मे से आज पहला जुमा है. इस्लाम धर्म में पांच वक्त की नमाज अदा करना मुसलमानों पर फर्ज है. इनमें जुमे की नमाज का महत्व काफी ज्यादा है. जुमे को लेकर ऐसा कहा जाता है कि, हजरत आदम अलैहिस्सलम को जुमे (शुक्रवार) के दिन ही जन्नत से इस दुनिया में भेजा गया और जन्नत में उनकी वापसी भी जुमे के दिन ही हुई.
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