डिप्टी कमिश्नर की तरफ से जिले में नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का जायजा

नशों के खात्मे के लिए सब डिवीजन स्तर पर योजना की तैयार

by TheUnmuteHindi
डिप्टी कमिश्नर की तरफ से जिले में नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का जायजा

डिप्टी कमिश्नर की तरफ से जिले में नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का जायजा
– नशों के खात्मे के लिए सब डिवीजन स्तर पर योजना की तैयार
– एस.डी.एमज और डी.एस.पीज सांझे तौर पर पुर्नवास केंद्र व ओट क्लीनिकों का दौरा करें : डॉ. प्रीति यादव
पटियाला, 28 फरवरी : नशों के विरुद्ध लड़ाई और तेज करने के लिए डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव व एसएसपी डॉ. नानक ङ्क्षसह ने जिला के समूह एसडीएमज व डीएसपीज सहित जिला अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की। इस मीटिंग में नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम का जायजा लेते हुए डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि इस मुहिम को और तेज करने के लिए एसडीएमज व डीएसपीज को सब डिवीजन स्तर पर योजना तैयार करने व इसकी सूचना आज ही डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के साथ सांझी की जाए। इस मौके एडीसी ईशा सिंगल भी मौजूद थे। मीटिंग दौरान डा. प्रीति यादव ने एस. डी. एमज और डी. एस. पीज को अपनी सब- डिवीजन के पुर्नवास केन्द्रों और ओट सैंटरों का दौरा करने की हिदायत करते कहा कि सैंटरों में मरीजों को मिल रही सुविधाओं समेत दवाएं, स्टाफ और अन्य जरूरी जरूरतों सम्बन्धित रिपोर्ट डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में भेजी जाए। उन्होंने सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मरीजों तथा उनके परिवारों से नियमित तौर पर फीड बैक लेने की हिदायत भी की। लोगों में नशों के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए डिप्टी कमिश्नर डा. प्रीति यादव ने अधिकारियों को गांवों और शहरों में जागरूकता कैंप लगाने के निर्देश दिए। यह कैंप नशों का दुरुपयोग के नुकसानदेय प्रभावों को उजागर करेंगे और नशों के साथ जूझ रहे व्यक्तियों को पुर्नवास के लिए उत्साहित करेंगे। उन्होंने जोर दे कर कहा कि नशामुक्त समाज बनाने के लिए इस मुहिम की सफलता के लिए समाज की सक्रिय शिरकत जरूरी है। डा. प्रीति यादव ने नशा छोड़ चुके व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के मकसद के साथ पुर्नवास केन्द्रों में और भारी डिवैल्पमैंट कोर्स चलाने की हिदायत की। उन्होंने कहा कि पटियाला के साकेत अस्पताल में डेरी फार्मिंग का कोर्स करवाया जा रहा है, जिसको दाखिल मरीजों की तरफ से भी भव्य प्रोत्साहन दिया गया है। उन्होंने कहा कि मरीजों को स्वै- निर्भर बनाने व समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए डेरी फार्मिंग, इलेक्टरिशियन और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।

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