चंडीगढ़, 11 दिसंबर 2025: ठगों ने विजीलैंस अधिकारी बनकर हरियाणा सरकार के रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर को डिजिटल अरेस्ट किया। उन्होंने एक महीने से ज्यादा समय तक बुजुर्ग को डराया और 85 लाख रुपये ठग लिए। बुजुर्ग ने शिकायत की तो साइबर सेल ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
मनीमाजरा निवासी बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि वह हरियाना सरकार से ज्वाइंट डायरेक्टर पद से रिटायर्ड हैं। 9 अक्टूबर की सुबह करीब 11 बजे एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया का विजय पंडित बताया। उसने कहा कि बुजुर्ग के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल हुआ है। दिल्ली के चांदनी चौक में एक प्राइवेट बैंक में खाता खोला गया। इस खाते से मनी लॉन्ड्रिंग हुई है।
फिर ठग ने फाइनेंशियल वेरिफिकेशन का हवाला देकर बुजुर्ग को राजेश प्रधान से जोड़ा। उसके बाद नीरज ठाकुर और प्रदीप सिंह से बात करवाई। इन सभी ने खुद को सीनियर विजीलैंस अधिकारी बताया। वे अलग-अलग नंबरों से फोन करते रहे। ठगों ने बुजुर्ग और उनकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी की धमकी दी।
उन्होंने कहा कि प्रायोरिटी इनोसेंस सर्टिफिकेट जारी करके ही मदद कर सकते हैं। इसके लिए बुजुर्ग से कई बार अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करवाए। कुल 85 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए। ठगों ने दावा किया कि आरबीआई इन पैसों को वेरिफाई करेगा।
बुजुर्ग को बाद में ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
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