नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और अन्य मुस्लिम संगठनों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण कर उन्हें हड़पने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बताया और मांग की कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के विचार-विमर्श के बाद ही लागू किया जाए।
AIMPLB ने उठाए गंभीर सवाल
AIMPLB के वरिष्ठ सदस्य अबू तालिब रहमानी ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, हम यहां लड़ने-झगड़ने नहीं आए हैं, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हैं। सरकार वक्फ संपत्तियों पर नजर गड़ाए हुए है, जबकि JPC में हमारे हितधारकों से बातचीत तक नहीं की गई। यह सरासर अन्याय है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द्र को बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का संदर्भ देते हुए कहा, अगर एक शाकाहारी पत्नी मांसाहारी पति के साथ रह सकती है, तो हिंदू-मुसलमान भी भाईचारे में क्यों नहीं रह सकते? अगर प्रधानमंत्री को बचपन में ईद पर खाना नहीं बनता था, तो हम आज भी उनके लिए शाकाहारी खाना भेज सकते हैं। सवाल नफरत और मोहब्बत का है, जो अब सरकार से गायब होती जा रही है।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, सरकार की मंशा साफ नहीं है। अगर वह वक्फ संपत्तियों को बचाने की बात कर रही है, तो फिर JPC की सिफारिशों को नजरअंदाज क्यों किया गया? क्या सरकार इन संपत्तियों को अपने उद्योगपति दोस्तों को सौंपने की तैयारी कर रही है?
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर भाजपा का पलटवार
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने AIMPLB और अन्य संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार वक्फ की जमीनों को भू-माफियाओं से निकालकर गरीब मुसलमानों के हक में देना चाहती है, लेकिन कुछ लोग भू-माफियाओं के इशारे पर नाच रहे हैं। इन संगठनों को सोचना चाहिए कि वे किसका समर्थन कर रहे हैं—गरीबों का या फिर अवैध कब्जेदारों का?
क्या है वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024?
वक्फ संपत्तियों से जुड़े इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के अधिकारों और उसके प्रशासन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव किया गया है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता लाने और अवैध कब्जों को रोकने के लिए लाया गया है। वहीं, AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठन इसे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं।
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