Muzaffarpur News: लॉक-अप में संदिग्ध मौत से हंगामा, पुलिस पर पिटाई और रिश्वत मांगने का आरोप

by The_UnmuteHindi
Muzaffarpur News suspicious death in lock-up

मुजफ्फरपुर, 06 फ़रवरी 2025: Muzaffarpur News बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस हिरासत में मौत हो गई, जिसके बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया। कांटी थाना परिसर में गुरुवार सुबह 35 वर्षीय शिवम कुमार झा का शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने थाने पर हमला कर दिया और जमकर हंगामा किया। इस मामले में थाना प्रभारी (एसएचओ) समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

Muzaffarpur News जानकारी के अनुसार, पुलिस ने मंगलवार देर रात कलवारी गांव निवासी शिवम कुमार झा को बाइक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उनके परिवार का आरोप है कि बिना वर्दी के कुछ पुलिसकर्मी रात करीब 10 बजे उनके घर पहुंचे, जबरन उन्हें पकड़ लिया, मारपीट की और हाथ-पैर बांधकर अपने साथ ले गए।

परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने झा की रिहाई के लिए रिश्वत मांगी। जब परिवार ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो झा को थाने में बेरहमी से प्रताड़ित किया गया।

पुलिस का दावा – आत्महत्या से हुई मौत

वहीं, मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का लग रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुशील कुमार ने बताया कि झा ने कथित तौर पर लॉक-अप के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने तत्काल उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, थाना पर हमला

हिरासत में हुई मौत की खबर फैलते ही गांव के सैकड़ों लोग थाने के बाहर जमा हो गए। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की और थाने में तोड़फोड़ कर दी। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया।

न्यायिक जांच शुरू, दोषियों पर होगी कार्रवाई

Muzaffarpur News एसएसपी सुशील कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो मौत के असली कारणों का खुलासा करेगी। पुलिस हिरासत में हुई इस संदिग्ध मौत के चलते थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

इस घटना ने पुलिस हिरासत में हो रहे अत्याचारों और भ्रष्टाचार को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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