MUDA scam: सिद्धारमैया को राहत, कर्नाटक हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच की याचिका खारिज की

by The_UnmuteHindi
Karnataka High Court verdict for Siddaramaiah in MUDA scam

बेंगलुरु, 07 फ़रवरी 2025: MUDA scam : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बी एम को 14 साइटों के आवंटन में कथित अवैधताओं की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, “रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री कहीं भी यह संकेत नहीं देती है कि लोकायुक्त द्वारा की गई जांच पक्षपाती, एकतरफा या घटिया है, जिससे यह मामला आगे की जांच या फिर से जांच के लिए सीबीआई को भेजा जा सके।” अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि लोकायुक्त की जांच पर भरोसा किया जा सकता है।

MUDA scam आवंटन मामले में आरोप

इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके साले बी एम मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू का नाम एफआईआर में शामिल किया गया है। यह एफआईआर 27 सितंबर को मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पार्वती को 14 साइटों का अवैध आवंटन किया गया था।

इसके अलावा, विशेष अदालत ने इस मामले पर फैसला सुनाया है, जो पूर्व और निर्वाचित सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटती है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले को “राजनीति से प्रेरित” बताया है और यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जब न्यायाधीश ने आदेश सुरक्षित रख लिया है तो मुझे क्यों डरना चाहिए? मुझे विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।”

सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें यह भी यकीन है कि लोकायुक्त की जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, और इस मामले में कोई भी राजनीतिक मंशा नहीं है।

इस महीने की शुरुआत में, सिद्धारमैया ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन जारी किया था, लेकिन उस पर अदालत द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था। उन्होंने अदालत से पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय इतनी जल्दी में क्यों है, जब मामले की जांच न्यायालय में चल रही है।

कर्नाटक उच्च न्यायालय का यह आदेश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिवार के खिलाफ चल रही जांच की दिशा को स्पष्ट करता है। अदालत ने लोकायुक्त की जांच पर भरोसा जताते हुए सीबीआई जांच की मांग को अस्वीकार किया है। अब देखना यह है कि आगे इस मामले में क्या विकास होते हैं और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कैसी होती है।

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