कक्षा 10 की छात्रा ने स्कूल के हॉस्टल में बच्चे को जन्म दिया, स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप

by The_UnmuteHindi
Class 10 girl gave birth in school

मलकानगिरी, ओडिशा: Class 10 girl gave birth in school: ओडिशा के मलकानगिरी जिले में एक सरकारी आवासीय विद्यालय के छात्रावास में सोमवार शाम एक गंभीर घटना घटित हुई। कक्षा 10 की एक छात्रा ने बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद समय से पहले बच्चे को जन्म दिया। यह घटना उस समय हुई जब लड़की अपनी कक्षाओं में जा रही थी और स्कूल प्रशासन द्वारा उसकी स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लड़की और बच्चे को चित्रकोंडा के उप-विभागीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें मलकानगिरी जिला मुख्यालय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

Class 10 girl gave birth in school: स्कूल प्रशासन और शिक्षक एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप

इस घटना को लेकर स्कूल प्रशासन और शिक्षक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। किशोरी के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन को दोषी ठहराया है, जबकि शिक्षकों ने छात्रावास के वार्डन को जिम्मेदार ठहराया है। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि छात्रावास में पुरुषों को जाने की अनुमति नहीं है, और उन्हें नहीं पता कि लड़की कैसे गर्भवती हुई। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों की साप्ताहिक जांच करनी चाहिए, और इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य कर्मी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे थे।

Class 10 girl gave birth in school: दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

इस घटना के बाद, मलकानगिरी जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्थान के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही छात्रावास की मेट्रन, सुचित्रा चर्ची, को हटा दिया गया और एक सहायक नर्स तथा दाई को भी निलंबित कर दिया गया। एसटी और एससी विकास, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि यह घटना स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का परिणाम है।

जांच और पुलिस कार्रवाई

जिला कल्याण अधिकारी श्रीनिवास आचार्य ने कहा कि यह संभावना है कि लड़की छुट्टियों के दौरान घर जाने पर गर्भवती हुई होगी। विभागीय जांच पहले ही शुरू हो चुकी है, और लड़की के माता-पिता ने स्कूल अधिकारियों से यह सवाल किया है कि प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भावस्था कैसे छिपी रही। पुलिस ने उस व्यक्ति से पूछताछ की है जिस पर लड़की को गर्भवती करने का संदेह था। चित्रकोंडा के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी प्रदोष प्रधान ने पुष्टि की कि POCSO अधिनियम और BNS की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

घटना के बाद के सवाल

यह घटना कई सवालों को जन्म देती है, विशेष रूप से स्कूल प्रशासन की लापरवाही और स्वास्थ्य कर्मियों की जिम्मेदारी के बारे में। किशोरी और बच्चे के भविष्य के लिए आवश्यक चिकित्सा और मानसिक सहायता प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं पुलिस और प्रशासन इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।

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