एलओपी बाजवा ने की एसएसपी नानक सिंह के तबादले की मांग

by Manu
प्रताप सिंह बाजवा

चंडीगढ़, 22 मार्च: पंजाब विधानसभा के 2025-26 के बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को पंजाब पुलिस की बर्बरता का मुद्दा उठाया। उन्होंने सेवारत सेना कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ हुई पुलिस ज्यादती को गंभीर मामला बताते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखते हुए बाजवा ने कहा कि पटियाला के एसएसपी नानक सिंह को तुरंत प्रभाव से स्थानांतरित किया जाना चाहिए। साथ ही, इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जानी चाहिए, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करे।

प्रताप सिंह बाजवा ने 1992 के एक मामले का जिक्र किया

बाजवा ने 1992 में चंडीगढ़ में हुई एक समान घटना का जिक्र किया, जब एक लेफ्टिनेंट कर्नल को एसएसपी की बर्बरता का सामना करना पड़ा था। तब पंजाब के राज्यपाल स्वर्गीय सुरिंदर नाथ ने सेना के ब्रिगेडियर और पुलिस डीआईजी की अध्यक्षता में संयुक्त जांच करवाई थी। उस जांच में एसएसपी को दोषी पाया गया था, जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार कर्नल बाठ के मामले में न्याय दिलाने में असफल रहती है, तो केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। बाजवा ने एसएसपी नानक सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की और एफआईआर में दोषी पुलिस अधिकारियों के नाम तक दर्ज नहीं किए। यह दर्शाता है कि उनकी मंशा शुरू से ही पक्षपातपूर्ण थी, इसलिए उनका पटियाला से तबादला होना जरूरी है।

पंजाब पुलिस की साख पर उठे सवाल

बाजवा ने कहा कि पंजाब पुलिस की छवि पहले से ही खराब हो चुकी है और इस घटना के बाद पूरे देश में इसकी आलोचना हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पंजाब जैसे सिख बहुल राज्य में एक सिख व्यक्ति की पगड़ी की रक्षा नहीं की जा सकती, तो देश के अन्य हिस्सों से क्या उम्मीद की जा सकती है? उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में न तो जवान और न ही किसान खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई पर भी उठाए सवाल

मीडिया से बातचीत के दौरान बाजवा ने पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार के ड्रग्स के खिलाफ अभियान को महज दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे स्तर के ड्रग विक्रेताओं के घरों पर बुलडोजर चला रही है, लेकिन बड़े अपराधियों पर कार्रवाई नहीं कर रही।

उन्होंने पूछा कि बर्खास्त एआईजी राजजीत सिंह हुंडल के घर को अब तक क्यों नहीं गिराया गया, जबकि उन पर पुलिस और ड्रग माफिया के बीच सांठगांठ का आरोप है। इसी तरह, उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साक्षात्कार में मदद करने वाले बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए।

ये भी देखे: विधायक कुलवंत सिंह ने विधानसभा में उठाया सफाई कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाने का मुद्दा

You may also like