कोलंबिया, 27 मार्च 2025: रंजनी श्रीनिवासन जो भारतीय पीएचडी छात्रा हैं। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय ने धोखा दिया है।
‘हमास का समर्थन’ करने का आरोप
उनका छात्र वीजा रद्द कर दिया गया क्योंकि उन पर ‘हमास का समर्थन’ करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कोलंबिया में 5 साल मेहनत की और कभी-कभी हफ्ते में 100 घंटे तक काम किया है। लेकिन अब उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनका संस्थान उन्हें निराश कर रहा है।
रंजनी श्रीनिवासन सार्वजनिक नियोजन में डॉक्टरेट कर रही थीं। उन्होंने बताया कि उनका वीजा पिछले साल दिसंबर में रद्द कर दिया गया।
कोलंबिया विश्वविद्यालय उनकी अपील
उन्हें उम्मीद है कि कोलंबिया विश्वविद्यालय उनकी अपील पर विचार करेगा और उनका नामांकन बहाल करेगा। उन्होंने कहा कि उनके पीएचडी के लिए सभी आवश्यकताएं पूरी हो चुकी हैं और बाकी काम के लिए उन्हें अमेरिका में रहने की जरूरत नहीं है।5 मार्च को चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से उन्हें ईमेल मिला जिसमें उनके वीजा रद्द होने की जानकारी दी गई थी । इसके बाद ICE एजेंट उनके दरवाजे पर पहुंचे। अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव ने उन पर ‘आतंकवादी समर्थक’ होने का आरोप लगाया था।
11 मार्च को रंजनी न्यूयॉर्क से कनाडा चली गईं क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। अब वह कनाडा में अपने दोस्तों और परिवार के साथ रह रही हैं और कोलंबिया से अपना कोर्स पूरा करने की उम्मीद कर रही हैं।
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