शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने दूध की कीमतों में वृद्धि, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, मनरेगा मजदूरी बढ़ोतरी और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान जैसी कई घोषणाएं कीं।
हिमाचल प्रदेश बजट: दूध की कीमतों में बढ़ोतरी
सरकार ने दूध उत्पादकों को राहत देते हुए गाय के दूध की कीमत 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध की कीमत 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की। इससे दूध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री सुखू ने बजट भाषण में राज्य की वित्तीय चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि राजस्व घाटा अनुदान में कटौती और जीएसटी मुआवजा रोक दिए जाने के कारण आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राज्य की ऋण देनदारी 1,04,729 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसमें से 29,046 करोड़ रुपये का ऋण मौजूदा सरकार ने उठाया है।
उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में लिए गए ऋण का 70 प्रतिशत पिछली सरकार के ऋण और ब्याज भुगतान में चला गया, जबकि केवल 8,093 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश बजट: पर्यटन और चाय बागानों को बढ़ावा
धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने और कम प्रसिद्ध स्थलों को विकसित करने के लिए सरकार ने नई योजनाएं लागू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागानों को इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि पर्यटन और कृषि दोनों क्षेत्रों को बढ़ावा मिले।
सरकार ने एक लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अब तक राज्य में 1.58 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं।
इसके अलावा, प्राकृतिक रूप से कच्ची हल्दी उगाने वाले किसानों को 90 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। साथ ही, हमीरपुर में एक मसाला पार्क स्थापित करने की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे मसाला उत्पादन करने वाले किसानों को बेहतर बाजार और मूल्य प्राप्त होगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम करने वाले श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब मजदूरी 300 रुपये से बढ़कर 320 रुपये प्रति दिन हो गई है, जिससे ग्रामीण श्रमिकों को आर्थिक संबल मिलेगा।
मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष कार्य बल (STF) का गठन
राज्य में बढ़ते मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने एक विशेष कार्य बल (STF) के गठन की घोषणा की। इसका उद्देश्य ड्रग माफिया पर कड़ी कार्रवाई करना और युवाओं को नशे से दूर रखना है।
सरकार ने 2025-26 में 500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बनाई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष में शिमला रोपवे परियोजना शुरू की जाएगी, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने स्कूल और कॉलेजों के लिए अलग निदेशालय गठित करने की घोषणा की, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाएगा।
नए बजट से जनता को क्या मिलेगा?
1. दूध उत्पादकों को राहत: दूध की कीमतों में बढ़ोतरी से किसानों को लाभ।
2. किसानों के लिए नई योजनाएं: प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और MSP में सुधार।
3. मनरेगा मजदूरों को फायदा: मजदूरी दर बढ़कर 320 रुपये प्रतिदिन हुई।
4. ड्रग माफिया पर सख्ती: STF के गठन से नशे के खिलाफ अभियान तेज होगा।
5. पर्यटन को बढ़ावा: इको-टूरिज्म और शिमला रोपवे परियोजना से विकास।
6. परिवहन सुधार: 500 इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण में कमी और यातायात में सुधार।
ये भी देखे: वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध, AIMPLB ने जताई नाराजगी