नई दिल्ली, 21 मार्च : भारत के लिए यह एक गौरवशाली क्षण है कि बेल्लामोंडे होटल्स (Bellamonde Hotels) के चेयरमैन डॉ. गुरमीत सिंह को Ecole Supérieure Robert de Sorbon (ESRDS), फ्रांस के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया है । यह पहली बार है कि किसी भारतीय सिख को इस सम्मानित फ्रांसीसी विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रतिष्ठित पद दिया गया है । XXII सोरबोन इंटरनैशनल डॉक्टरेट कॉन्वोकेशन का आयोजन बेल्लामोंडे, नई दिल्ली में किया गया जिसमें कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ESRDS-फ्रांस के अध्यक्ष डॉ. जॉन थॉमस प्राडे ने की, साथ ही डॉ. विवेक चौधरी (उपाध्यक्ष, ESRDS और अध्यक्ष, IIPPT फाउंडेशन) और डॉ. निर्मल बंसल (प्रोवोस्ट, ESRDS-फ्रांस) भी मौजूद रहे। इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व सांसद डॉ. मीनाक्षी लेखी और नोबेल शांति पुरस्कार के नामित डॉ. बार्ट एस. फिशर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।
यह नियुक्ति देती है डॉ. गुरमीत सिंह की हॉस्पिटैलिटी, शिक्षा और वैश्विक नेतृत्व में उनके असाधारण योगदान और अनुभव को मान्यता
डॉ. गुरमीत सिंह की यह नियुक्ति हॉस्पिटैलिटी, शिक्षा और वैश्विक नेतृत्व में उनके असाधारण योगदान और अनुभव को मान्यता देती है । वह लंबे समय से ESRDS-फ्रांस से जुड़े रहे हैं और इस नई भूमिका में भारत और फ्रांस के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । डॉ. जॉन थॉमस प्राडे ने कहा कि डॉ. गुरमीत सिंह का अनुभव और दृष्टिकोण हमारे बोर्ड के लिए बहुत मूल्यवान होगा। उनकी नेतृत्व क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान करने की प्रतिबद्धता हमारे संस्थान की सोच से पूरी तरह मेल खाती है ।
यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे इस वैश्विक मंच पर भारत और सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है : डॉ. गुरमीत सिंह
डॉ. गुरमीत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे इस वैश्विक मंच पर भारत और सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है । मैं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हूं । यह जिम्मेदारी मुझे प्रेरित करती है कि मैं और अधिक प्रयास करूं ताकि शिक्षा और व्यावसायिक विकास के नए अवसरों को जन्म दिया जा सके । इस भव्य समारोह में मानद डॉक्टरेट की उपाधि, भारत सम्मान पुरस्कार और महिला सशक्तिकरण पुरस्कार भी प्रदान किए गए। साथ ही, “Revolution in Banking – Wheels of India’s Growth Story” पुस्तक का विमोचन भी किया गया । शिक्षा, प्रशासन, समाजसेवा और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले कई प्रमुख व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया । डॉ. गुरमीत सिंह की यह उपलब्धि भारत और विशेष रूप से सिख समुदाय के लिए गौरव का विषय है । उनकी यह सफलता न केवल भारतीयों को बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी प्रेरित करेगी। उनका यह कदम भारत-फ्रांस संबंधों को और सुदृढ़ करेगा और युवाओं को वैश्विक मंचों पर अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करेगा ।