डोनाल्ड ट्रम्प की नई घोषणा: अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने का प्रस्ताव

by The_UnmuteHindi
डोनाल्ड ट्रम्प अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने का प्रस्ताव

वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़गानिस्तान के संबंध में एक नई और महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने की बात की। ट्रम्प ने बख्तरबंद वाहनों और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बगराम एयरबेस का जिक्र करते हुए कहा, “जो बिडेन ने इसे छोड़ दिया, मुझे लगता है कि हमें इसे वापस लेना चाहिए।”

यह बयान ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के दौरान अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद एक प्रेस ब्रीफिंग में सामने आया। ट्रम्प ने कहा, “हमने अफ़गानिस्तान को अरबों डॉलर की सहायता दी, लेकिन फिर भी, सारा सैन्य उपकरण पीछे छोड़ दिया, जो उस समय मैं राष्ट्रपति होता तो नहीं होने देता।”

राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी योजना स्पष्ट करते हुए कहा, “जब मैं राष्ट्रपति था, तो हम अफ़गानिस्तान से बाहर निकल रहे थे, लेकिन हम बगराम एयरबेस को बनाए रखने वाले थे। यह एयरबेस चीन के लिए एक रणनीतिक स्थान है क्योंकि यह चीन के परमाणु मिसाइल निर्माण स्थल से केवल एक घंटे की दूरी पर स्थित है।”

बगराम एयरबेस का महत्व

बगराम एयरबेस, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली एयरबेस में से एक है, अफ़गानिस्तान में स्थित है। यह एयरबेस अत्यधिक मजबूत कंक्रीट और स्टील से बना है, और इसका रनवे किसी भी प्रकार के भारी उपकरण को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया था। ट्रम्प ने कहा, “हमने इसे छोड़ दिया और अब इसे चीन ने कब्जा कर लिया है। यह बिल्कुल गलत है।”

ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका अब बगराम एयरबेस को फिर से अपने नियंत्रण में रखने जा रहा है और वहां एक छोटी सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना अफ़गानिस्तान में छोड़े गए लगभग 40,000 बख्तरबंद और सैन्य भारी वाहनों को वापस ले आएगी, जो फिलहाल तालिबान के कब्जे में हैं।

अफ़गानिस्तान से अमेरिकी वापसी और बाइडेन का फैसला

अगस्त 2021 में, तत्कालीन राष्ट्रपति जो बिडेन ने अफ़गानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी वापसी का फैसला लिया था, जिसका विश्व भर में विरोध हुआ था। बिडेन ने इस निर्णय को “तार्किक और सही” बताते हुए कहा था कि यह निर्णय अफ़गानिस्तान में 9/11 के हमलों के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। इस फैसले के बाद अफ़गानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा बढ़ गया था, जिससे कई आलोचनाएं उठीं।

ट्रम्प ने इस फैसले को “अपमानजनक” बताया और दावा किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफ़गानिस्तान में अमेरिकी वापसी के बाद अपनी रणनीति बदली और यूक्रेन पर हमला करने का फैसला किया। ट्रम्प का मानना है कि यह समय रूस के लिए बिल्कुल सही था, क्योंकि अमेरिका ने अफ़गानिस्तान में अपनी सैन्य उपस्थिति समाप्त कर दी थी।

अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति: अफ़गानिस्तान पर अमेरिका की भूमिका

ट्रम्प ने यह भी कहा कि अफ़गानिस्तान में अमेरिका का सैन्य हस्तक्षेप और अरबों डॉलर की सहायता से ही वहां की सरकार बनी रही। “हमने अफ़गानिस्तान में अरबों डॉलर खर्च किए और यह कोई नहीं जानता, लेकिन अब हर कोई इसे जानता है,” उन्होंने कहा। ट्रम्प का कहना था कि अमेरिका को अफ़गान सरकार को दिए गए सहायता पैकेज को वापस लेना चाहिए, क्योंकि वे उस पैसे के हकदार नहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

फिलहाल, अफ़गानिस्तान, तालिबान या चीन की ओर से राष्ट्रपति ट्रम्प की टिप्पणियों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अफ़गानिस्तान की वर्तमान स्थिति और अमेरिका के खिलाफ बढ़ते आलोचनाओं के बीच यह बयान आने वाले दिनों में और चर्चा का विषय बन सकता है।

बगराम एयरबेस का इतिहास

बगराम एयरबेस का निर्माण सोवियत संघ द्वारा शीत युद्ध के दौरान अफ़गानिस्तान में किया गया था, जब सोवियत संघ ने अफ़गानिस्तान पर आक्रमण किया था। इसके बाद, अमेरिका ने अफ़गानिस्तान में अपने सैनिकों की तैनाती के दौरान बगराम एयरबेस को अपने नियंत्रण में ले लिया और इसे एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा बना दिया। बाद में, ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए अमेरिका ने अफ़गानिस्तान में सैन्य अभियान शुरू किया और बगराम एयरबेस को अपने सैनिकों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान बना लिया।

यह बदलाव अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य नीति के भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण संकेत दे सकता है, खासकर जब चीन जैसे वैश्विक शक्तियों की गतिविधियां इस क्षेत्र में बढ़ रही हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को फिर से स्थापित करने की योजना ने वैश्विक मंच पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बगराम एयरबेस पर चीन का कब्जा और अमेरिका की वापसी के बाद के घटनाक्रम अफ़गानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, इन योजनाओं को साकार करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना होगा।

ये भी देखे: डोनाल्ड ट्रम्प व्यापार नीति: चीन पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा

You may also like