CVC ने केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण की जांच का आदेश दिया

by The_UnmuteHindi
CVC Arvind kejriwal

नई दिल्ली, 15 फ़रवरी 2025: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास, 6 फ्लैगस्टाफ बंगले के नवीनीकरण को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने जांच का आदेश दिया है। यह आदेश केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा पेश की गई एक तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नवीनीकरण के दौरान भवन निर्माण मानदंडों का उल्लंघन किया गया। सीवीसी ने 13 फरवरी को इस मामले की जांच शुरू करने का निर्णय लिया।

सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट और आरोप

सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस भव्य हवेली का निर्माण 40,000 वर्ग मीटर (8 एकड़) क्षेत्र में किया गया और इसके निर्माण में विभिन्न नियमों की अनदेखी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, यह हवेली दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान आधिकारिक निवास थी, और उनका यहां 2015 से अक्टूबर 2024 तक रहना था। हालांकि, केजरीवाल ने पद से इस्तीफा देने के बाद इस बंगले को खाली कर दिया।

राजनीतिक एंगल और भाजपा की मांग

केजरीवाल के इस नवीनीकरण के मामले में राजनीति भी जुड़ी हुई है। भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मांग की थी कि वे केजरीवाल के इस “शीश महल” के साथ-साथ चार अन्य संपत्तियों के विलय को रद्द करें। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनके समर्थकों ने इस बंगले को “शीश महल” के रूप में निरूपित किया था, जो दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दों पर आम आदमी पार्टी (AAP) और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ राजनीतिक हमला करने का एक प्रमुख हथियार बन गया था।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोपों को राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास करार दिया है। पार्टी का कहना है कि यह जांच दरअसल उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है।

आगे की स्थिति: क्या होगा अगले कदम?

अब देखना यह होगा कि सीवीसी की जांच क्या निष्कर्ष पर पहुंचती है और क्या इस मामले में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई होती है। यह निश्चित रूप से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जो आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभाएगा।

यह मामला केवल एक भवन के नवीनीकरण का नहीं, बल्कि राजनीति, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग जैसे मुद्दों से भी जुड़ा हुआ है।

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