नई दिल्ली, 26 मार्च 2025: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर कथित तौर पर की गई टिप्पणी को लेकर पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि शाह ने सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए। यह विवाद राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री के बयान से शुरू हुआ।
जयराम रमेश का सभापति को पत्र
जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लिखे अपने पत्र में कहा, “मैं नियम 188 के तहत गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव (नोटिस) दे रहा हूं। उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।” उन्होंने आगे लिखा, “गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम भले ही स्पष्ट रूप से नहीं लिया, लेकिन उनके संकेत साफ थे। यह टिप्पणी उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए सुनियोजित तरीके से की गई थी। यह बयान पूरी तरह से आधारहीन, झूठा और अपमानजनक है।”
गृह मंत्री ने क्या कहा था?
यह पूरा मामला उस समय शुरू हुआ जब गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष कांग्रेस के शासनकाल में बना था, जबकि पीएम केयर्स फंड नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार के समय शुरू हुआ। कांग्रेस के समय यह कोष एक परिवार के नियंत्रण में था। उस वक्त कांग्रेस का एक नेता इस कोष का हिस्सा था और सरकारी फंड पर उसका अधिकार था।” शाह ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके इशारे को कांग्रेस ने सोनिया गांधी की ओर संकेत मानते हुए इसे अपमानजनक करार दिया।
कांग्रेस का गहरा विरोध
कांग्रेस का कहना है कि शाह का यह बयान न सिर्फ सोनिया गांधी के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि यह संसदीय मर्यादा का भी उल्लंघन है। जयराम रमेश ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि यह “संसद के विशेषाधिकार का हनन और अवमानना” है। उन्होंने सभापति से इस मामले में कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
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