आदिवासियों के कत्लेआम और जबर के विरुद्ध सार्वजनिक जत्थेबंदियों ने किया डीसी के कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन

एडीसी रिचा गोयल के द्वारा राष्ट्रपति को भेजा मांग पत्र

by TheUnmuteHindi
आदिवासियों के कत्लेआम और जबर के विरुद्ध सार्वजनिक जत्थेबंदियों ने किया डीसी के कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन

आदिवासियों के कत्लेआम और जबर के विरुद्ध सार्वजनिक जत्थेबंदियों ने किया डीसी के कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन
– एडीसी रिचा गोयल के द्वारा राष्ट्रपति को भेजा मांग पत्र
पटियाला, 28 फरवरी : आज पटियाला के अलग अलग सार्वजनिक जत्थेबंदियों की तरफ से छत्तीसगढ़ और देश के अलग- अलग हिस्सों में जीवन की सुरक्षा, जल जंगल और जमीन को देसी- विदेशी लूट से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों और अन्य लोगों के पुलिस मुकाबलों के नाम में किए जा रहे कत्ल और हर किस्म के जबर विरुद्ध डीसी दफ्तर के आगे रोष प्रदर्शन करके पंजाब के आह्वान के अंतर्गत राष्ट्रपति के नाम पटियाला के ए डी सी के द्वारा मांग पत्र भेजा गया। इस मौके पंजाब स्टूडैंट यूनियन की तरफ से अमनदीप सिंह, स्त्री जागृति मंच की तरफ से अमन दयोल जमहूरी किसान सभा के नेता हरकृष्ण सिंह ने संबोधन करते मांग की कि आदवासियों और अन्य लोगों के किए जा रहे झूठे पुलिस मुकाबले तुरंत बंद किये जाएं, खनिज पदार्थों के साथ भरपूर पहाड़ी तथा जंगली व्यवसाय देसी और विदेशी कार्पोरेट के हवाले करना बंद किया जाए, आदिवासी क्षेत्रों में फौजी तथा नीम फौजी बलों को तुरंत हटाया जाए, इस जबर का विरोध कर रही जत्थेबंदियां पार्टियां, राजसी और जमहूरी लोगों व पत्रकारों, लेखकों को शहरी नक्सली कह कर निशाना बनाना बंद किया जाए, आप्रेशन कगार को तुरंत बंद किया जाए। नौजवान भारत सभा के नेता दविन्दर छबीलपुर, किरती किसान यूनियन के नेता सुरिन्दर सिंह खालसा, हिरावल दस्ता ग्रुप के नेता गुरचरन सिंह डकौंदा, इफटू के नेता श्रीनाथ समेत अन्य प्रवक्ताओं ने अलग- अलग स्थानों पर संबोधन करते कहा कि पिछले साल 250 और इस साल के पहले 6 सप्ताहों में ही सुरक्षा फोर्स ने 86 लोगों को मार दिया गया। पिछले दिनों घटी ताजा घटना छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 31 आदिवासियों को कत्ल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि काफी समय पहले तब के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि यदि बेकसूर आदिवासियों को जेलों में बंद करोगे तो उनके पास माओवादियों में मिलने के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं होगा।प्रवक्ताओं ने सरकार के इन गैर- लोकतांत्रिक और फांसी हमलों का विशाल एकजुटता करके डटकर विरोध करने का न्योता दिया।

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