चंडीगढ़/मोहाली, 17 अक्टूबर: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी,घड़ूआं में 5वीं इंटरनेशनल बुक एग्जीबिशन का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस आयोजन में 25,000 से अधिक किताबें प्रदर्शित की गईं, जिनमें लिटरेचर, साइंस, टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, ह्यूमैनिटीज़, फिक्शन, स्टोरीटेलिंग, इंस्पिरेशनल, सोशल साइंस और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी जैसे विषय शामिल थे। एग्जीबिशन का उद्देश्य नई पीढ़ी को साहित्यिक विरासत और मातृभाषा से जोड़ना रहा। इस इंटरनेशनल बुक एग्जीबिशन में भारत और विदेशों के 30 से अधिक पब्लिशर्स और बुकसेलर्स ने भाग लिया। इस दौरान, 30 से ज़्यादा स्टॉल्स पर विभिन्न विषयों पर किताबें प्रदर्शित की गईं।
इस अवसर पर आईटी, एआई और साइबर सिक्योरिटी सहित विभिन्न विषयों पर 182 किताबें लिखने वाले विश्व प्रसिद्ध लेखक अरुण सोनी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस मौके पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. सतबीर सिंह सहगल, चंडीगढ़ नॉलेज रिसोर्स सेंटर के चीफ लाइब्रेरियन डॉ. प्रेम प्रकाश सत्ती,सीनियर लाइब्रेरियन अंजू चौहान, अन्य अधिकारी, फैकल्टी सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
बुक एग्जीबिशन के दौरान साइबर सिक्योरिटी पर आधारित एक ऑथर टॉक सेशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि एवं लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स विजेता लेखक और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अरुण सोनी ने साइबर क्राइम और हैकिंग से जुड़े जोखिमों बोलते हुए कहा,”हम डिजिटल युग में जी रहे हैं, जहां लेनदेन से लेकर संचार तक हर चीज़ ऑनलाइन हो चुकी है। कोई भी हैकर आपकी निजी और बैंकिंग जानकारी चुरा सकता है। ऐसे में साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है।”

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में 5वीं इंटरनेशनल बुक एग्जीबिशन के दौरान ऑथर टॉक सेशन में छात्रों सम्बोधित करते मशहूर लेखक अरुण सोनी।
उन्होंने हिस्सा लेने वालों से आसान लेकिन असरदार सावधानियां बरतने को कहा। साइबर सिक्योरिटी, कंप्यूटर साइंस और टेक्नोलॉजी पर 182 किताबें लिखने वाले और एक सर्टिफाइड एथिकल हैकर अरुण सोनी ने कहा, “अनऑथराइज़्ड एक्सेस से बचने के लिए अपना Wi-Fi पासवर्ड रेगुलर बदलते रहें। दुनिया में कहीं भी बैठा हैकर कुछ ही मिनटों में आपके घर के राउटर का इस्तेमाल करके पर्सनल या बैंकिंग जानकारी चुरा सकता है। साइबर सेफ्टी के नियमों के बारे में जानकारी और उनका पालन ही ऐसे अपराधों से बचने का एकमात्र तरीका है।”
इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो (डॉ.) सतबीर सिंह सहगल ने छात्रों को किताबों की अहमियत समझाते हुए कहा, “आज की युवा पीढ़ी को उनकी विरासत और इतिहास से जोड़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। आज के डिजिटल युग में जहां हर चीज़ डिजिटाइज़ चुकी है, ऐसे में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी छात्रों को मोबाइल की जगह किताबें से जोड़ने का प्रयास कर रही है क्योंकि पढ़ने की संस्कृति खत्म होती जा रही है, ऐसे में छात्रों को किताबों से जोड़ने के लिए ऐसी एग्ज़िबिशन लगाना बहुत ज़रूरी है।”

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं में 5वीं इंटरनेशनल बुक एग्जीबिशन के दौरान किताबों की कलेक्शन देखते हुए छात्र।
उन्होंने आगे कहा, “इस पुस्तक प्रदर्शनी का उद्देश्य जीवन में किताबों के महत्व को समझाना तथा नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ना भी है। इसी उद्देश्य से एग्ज़िबिशन में अकादमिक और साहित्यिक किताबें उपलब्ध है इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अकादमिक और साहित्यिक प्रमुख किताबें हिंदी, पंजाबी और अन्य स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हों।” उन्होंने कहा कि भारत के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों, जैसे महान अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के सम्मान में यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में एक विशेष सेक्शन बनाया जाएगा जहां छात्र उनकी उपलब्धियों और सेवाभाव के बारे में पढ़ सकेंगे।
एग्ज़िबिशन के अंतिम दिन छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। डांस, सिंगिंग, म्यूजिक और दस्तार प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।