सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट की कीमतों को विनियमित करने की याचिका खारिज की

by The_UnmuteHindi
Internet Prices Regulation in India

नई दिल्ली, 25 फ़रवरी 2025: Internet Prices Regulation in India: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को देश में इंटरनेट की कीमतों को विनियमित करने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने रजत नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के पास इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठाने के लिए कई विकल्प हैं।

मुक्त बाजार में विकल्पों की उपलब्धता

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, “यह एक मुक्त बाजार है। कई विकल्प हैं। बीएसएनएल और एमटीएनएल भी आपको इंटरनेट दे रहे हैं।” अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में उपभोक्ताओं के पास विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली इंटरनेट सेवाओं का चयन करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, और यह बाज़ार प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ है।

Internet Prices Regulation in India: कार्टेलाइजेशन का आरोप

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि देश के इंटरनेट बाजार का अधिकांश हिस्सा जियो और रिलायंस जैसे बड़े खिलाड़ी नियंत्रित कर रहे हैं, जो बाजार में असंतुलन का कारण बन सकते हैं। हालांकि, पीठ ने कहा, “यदि आप कार्टेलाइजेशन का आरोप लगा रहे हैं, तो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पास जाएं।” कोर्ट ने इस मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग को उपयुक्त मंच के रूप में निर्दिष्ट किया, जहां इस तरह के आरोपों की जांच की जा सकती है।

वैधानिक उपाय की स्वतंत्रता (Internet Prices Regulation in India)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता किसी उचित वैधानिक उपाय का सहारा लेना चाहता है, तो उसे ऐसा करने के लिए पूरी स्वतंत्रता है। कोर्ट ने इस मामले में कोई सख्त निर्देश नहीं दिए, लेकिन वैधानिक प्रक्रिया का पालन करने का संकेत दिया।

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