वाशिंगटन, डीसी: Kash Patel a new FBI director: अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का नया निदेशक नियुक्त करने के फैसले को मंजूरी दे दी। यह निर्णय एक करीबी मुकाबले के बाद आया, जिसमें सीनेटरों ने 51-49 के अंतर से पटेल की पुष्टि की। दो रिपब्लिकन सीनेटर, मेन की सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने डेमोक्रेट्स का साथ दिया और उनकी नियुक्ति का विरोध किया।
Kash Patel: पूर्व अभियोजक पटेल की पुष्टि, राजनीति से प्रेरित या सुधारक?
पूर्व अभियोजक और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वफादार सहयोगी काश पटेल, FBI के मुखर आलोचक रहे हैं। उनकी पुष्टि ने डेमोक्रेट्स के बीच चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि उन्हें डर है कि पटेल एजेंसी का उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। पटेल के खिलाफ़ उठने वाली मुख्य चिंता उनके अतीत से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने ट्रम्प के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का संकेत दिया था।
रिपब्लिकन समर्थन और डेमोक्रेट्स की चिंताएँ
रिपब्लिकन पार्टी ने पटेल को FBI में सुधार के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माना। आयोवा के रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासली ने कहा, “पटेल FBI का नेतृत्व करने के लिए सही व्यक्ति हैं, क्योंकि एजेंसी पर राजनीतिक पूर्वाग्रह का आरोप लगता है।” हालांकि, डेमोक्रेट्स ने पटेल की पुष्टि का विरोध किया। सीनेटर डिक डर्बिन ने उन्हें “खतरनाक, अनुभवहीन और बेईमान” करार दिया।
Kash Patel: राजनीतिक प्रभाव को लेकर उठी चिंताएँ
पटेल की नियुक्ति के मुख्य विवादों में उनके पिछले बयान शामिल हैं, जिसमें उन्होंने FBI मुख्यालय को “बंद” करने की बात की थी और यह दावा किया था कि FBI ट्रम्प को कमजोर करने के प्रयासों में शामिल थी। पटेल ने अपनी पुष्टि सुनवाई में इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि उनका FBI में कोई राजनीतिकरण नहीं होगा।
रिपब्लिकन पार्टी में असंतोष
हालाँकि पटेल को अधिकांश रिपब्लिकन का समर्थन मिला, लेकिन उन्हें अपनी पार्टी के भीतर से भी विरोध का सामना करना पड़ा। सीनेटर कोलिन्स ने कहा कि FBI एक स्वतंत्र एजेंसी होनी चाहिए, जो अपराध और भ्रष्टाचार को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करे, न कि राजनीतिक स्कोर तय करने पर। मुर्कोव्स्की ने भी पटेल की पिछली राजनीतिक गतिविधियों को उनके विरोध का कारण बताया।
FBI का भविष्य: एक विभाजित एजेंसी
काश पटेल के ट्रम्प के साथ करीबी रिश्तों ने FBI की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े किए हैं। पटेल की नियुक्ति के बाद डेमोक्रेट्स का मानना है कि FBI की प्रतिष्ठा और इसके निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है। डेमोक्रेटिक सीनेटर एडम शिफ ने कहा, “एफबीआई को डोनाल्ड ट्रंप की सेना के रूप में काम नहीं करना चाहिए।”
Kash Patel: FBI निदेशक का भविष्य
FBI निदेशक आमतौर पर एक दशक तक पद पर रहते हैं, ताकि वे राजनीतिक दबाव से बच सकें और किसी विशिष्ट राष्ट्रपति के प्रभाव से मुक्त रहें। लेकिन पटेल के ट्रम्प के करीबी रिश्तों ने एजेंसी की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ये भी देखे: विदेश मंत्री जयशंकर की जोहान्सबर्ग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात