फरीदाबाद में 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का भव्य उद्घाटन

by The_UnmuteHindi
Surajkund International Crafts Mela

फरीदाबाद, 7 फरवरी 2025: Surajkund International Crafts Mela  हरियाणा के फरीदाबाद जिले में आयोजित 38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का आज शानदार उद्घाटन हुआ। इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन किया। उनके साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विरासत और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा, राज्य मंत्री श्री विपुल गोयल, श्री कृष्ण कुमार बेदी, श्री राजेश नागर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें भारत और विदेश के शिल्पकारों और कलाकारों द्वारा अद्भुत कला और शिल्प प्रदर्शित किए जाएंगे।

“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के सपने को चरितार्थ करता सूरजकुंड मेला

उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, “यह मेला भारत के सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है, और यह मेला उस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने यह भी कहा कि सूरजकुंड मेला सिर्फ शिल्प और कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि यह शिल्पकारों की पुरानी परंपराओं को जीवित रखने का मंच है। शेखावत ने आगे बताया कि भारत के पिछले 10 वर्षों में हुए विकास ने उसे विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है, और इस मेले के माध्यम से शिल्पकारों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

हरियाणा में माइस पर्यटन की अपार संभावनाएं

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हरियाणा की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए राज्य में माइस (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन्स) पर्यटन की संभावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “हरियाणा के पास माइस पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपार अवसर हैं, और सूरजकुंड मेला इसके लिए एक आदर्श उदाहरण बन सकता है।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से मेले को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रमोट किया जा सकता है, जिससे कलाकारों और शिल्पकारों को एक नया बाजार मिलेगा और उनकी कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

“वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को साकार करता मेला

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सूरजकुंड मेला अब सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि पूरे देश का गौरव बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मेला भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को वास्तविकता में बदलता है, क्योंकि यहां पर विश्वभर के शिल्पकला के रूप देखने को मिलते हैं। उन्होंने इस साल की विशेषता बताते हुए कहा कि पहली बार मेले में दो राज्यों – ओडिशा और मध्य प्रदेश – को थीम स्टेट बनाया गया है, और बिम्सटेक देशों को भागीदार के रूप में शामिल किया गया है। बिम्सटेक देशों में भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं।

शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार का समर्थन

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंचों का आयोजन करती है, जैसे कि सरस मेले और स्वापन आजीविका मार्ट, जो शिल्पकारों को अपनी कला दिखाने और बेचने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा, माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है, जो परंपरागत शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने शिल्पकारों से अपील की कि वे अपनी कला को और अधिक निखारने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करें, ताकि उनके उत्पादों की मांग बढ़े और वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

सूरजकुंड मेला: विविधता में एकता का प्रतीक

विरासत और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने इस मेले की बढ़ती लोकप्रियता का जिक्र करते हुए कहा कि सूरजकुंड मेला देश और विदेश के शिल्पकारों के लिए एक अहम मंच बन चुका है। उन्होंने इस मेले को भारत की विविधता और एकता का प्रतीक बताया। डॉ. शर्मा ने कहा कि सूरजकुंड मेला न केवल शिल्पकला का उत्सव है, बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के दृष्टिकोण को भी साकार करता है।

मेले में विविधता और संस्कृति की झलक

सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला केवल एक कला प्रदर्शनी नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक विविधता, विरासत और भारतीय परंपराओं का एक शानदार संगम है। यहां पर देशभर के शिल्पकार अपनी हस्तशिल्प कला, बुनाई, पेंटिंग और अन्य पारंपरिक कला रूपों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मेले के माध्यम से पर्यटकों को न केवल शिल्प कला की सजीव झलक मिलती है, बल्कि उन्हें भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव होता है।

सूरजकुंड मेला एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन चुका है, जो न केवल भारत के शिल्पकला प्रेमियों को आकर्षित करता है, बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक अद्वितीय अनुभव प्रस्तुत करता है।

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