गांव के तालाबों को लेकर अदालत का निर्देश: अवमानना कार्यवाही की चेतावनी

by chahat sikri
पंजाब हरियाणा तालाब मे गंदगी

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गांव के तालाब में गंदगी बहाए जाने के मामले पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि अगर अधिकारी अदालत को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। तो उनके खिलाफ अवमानना (कानूनी कार्यवाही) की जाएगी।

न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति कुलदीप तिवारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा मे ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के सचिव ने अदालत में जो हलफनामा (रिपोर्ट) दिया उसमें कई गलत बातें थीं। इसमें बताया गया था कि गांव के तालाबों का उपयोग गंदे पानी को बहाने के लिए किया जाता है। न्यायालय ने इसे अस्वीकार्य करार दिया है।अदालत ने स्पष्ट किया कि गांव के तालाबों का उपयोग मवेशियों और लोगों के सार्वजनिक कार्यों के लिए होना चाहिए जैसा कि पुराने दस्तावेज़ों और नियमों में लिखा गया है।

इससे पहले राज्य ने कहा था कि उसने एक गांव में स्कूल के पास सीवेज के बहाव को रोकने के लिए तालाब को गहरा किया है। लेकिन अदालत ने पाया कि इसकी रिपोर्ट में गड़बड़ी है।

अदालत का 2020 मे आदेश

अदालत ने 2020 के एक आदेश का भी हवाला दिया था। जिसमें कहा गया था कि छह महीने में अतिक्रमण हटाया जाए और गांव के तालाबों को साफ रखा जाएगा । तालाबों में सीवेज डालने और खनन गतिविधि पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश भी दिए गए थे।अब अदालत ने ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वह रिपोर्ट में गलत जानकारी देने की वजह बताए और यह सुनिश्चित करे कि तालाब को उसकी मूल स्थिति में लाया जाए।

अगर निर्देश का पालन नहीं होता तो सचिव को खुद अदालत में हाजिर होना पड़ेगा।

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