‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान के तहत नशा पीड़ित लोगों को सर्वोत्तम उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं : डॉ. बलबीर सिंह

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी और निजी नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के संचालकों के साथ बैठक की

by TheUnmuteHindi
'युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान के तहत नशा पीड़ित लोगों को सर्वोत्तम उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं : डॉ. बलबीर सिंह

‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ अभियान के तहत नशा पीड़ित लोगों को सर्वोत्तम उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं : डॉ. बलबीर सिंह
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी और निजी नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के संचालकों के साथ बैठक की
घाबदां/संगरूर, 7 मार्च : पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र, घाबदां का दौरा किया तथा वहां उपचाराधीन व्यक्तियों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने विधायक नरिंदर कौर भराज, डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि, एसएसपी सरताज सिंह चहल व अन्य अधिकारियों के साथ संगरूर जिले में चल रहे विभिन्न सरकारी व निजी नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्रों के संचालकों के साथ बैठक की और इन केंद्रों में इलाज करवा रहे लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए ‘ युद्ध नशों के विरुद्ध’ नाम से विशेष मुहिम शुरू की है, जिसके तहत लोगों से फीडबैक भी प्राप्त किया जा रहा है ताकि पंजाब को पूरी तरह से नशा मुक्त किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य नशे की बुरी आदत के शिकार लोगों को जेल भेजने की बजाय अस्पतालों में भर्ती कराना, उनका उचित उपचार करना तथा ठीक होने के बाद उन्हें रोजगार योग्य बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पुलिस को नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं तथा ऐसे नशा तस्करों द्वारा अपराध की कमाई से अर्जित की गई सम्पत्ति को नष्ट करने की कार्रवाई भी की जा रही है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सरकारी और निजी नशा मुक्ति केन्द्रों के संचालकों को कहा कि वे अधिक से अधिक नशा पीड़ितों को केन्द्रों में आने के लिए प्रेरित करें और उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने में मदद करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं तथा रोजाना मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं का सहयोग लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि नशे की दलदल में फंसे लोगों की मदद के लिए माता-पिता भी आगे आए हैं, जिससे यह उम्मीद जगी है कि लोग राज्य से नशे को खत्म करने के लिए पूरे मन से सहयोग कर रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों और उद्योगों के सहयोग से इन नशा पीड़ित लोगों को उनके कौशल के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि वे भी आम नागरिक के रूप में समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने परिवारों का जीवन स्तर ऊंचा उठा सकें। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे स्कूलों और कॉलेजों में नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता गतिविधियां बढ़ाएं ताकि विद्यार्थी न केवल स्वयं जागरूक बनें बल्कि अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को भी नशे से बचाने में प्रेरक भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर अन्यों के अलावा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमित बैंबी, एसपी नवरीत सिंह विर्क, उपमंडल मजिस्ट्रेट चरणजोत सिंह वालिया, कार्यवाहक सिविल सर्जन डा. विकास धीर, मनोवैज्ञानिक डा. ईशान भी उपस्थित थे।

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