बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो गए हैं कि 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 300 लोगों की जान चली गई है
ढाका, 5 अगस्त: सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ दल के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 300 लोग मारे जा चुके हैं. हसीना. हिंसा में हजारों लोग घायल हुए हैं. बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो गए हैं कि पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसके साथ ही विरोध को दबाने के लिए देश में इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई है. फायरिंग के साथ-साथ पुलिस छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी दाग रही है, जिससे हाईवे और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंच रहा है. छात्र देश में असहयोग अभियान चला रहे हैं. रविवार को कम से कम 20 जिलों में पुलिस बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारी लगातार प्रदर्शन के जरिए प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफे का दबाव बनाना चाहते हैं. बांग्लादेश में देशव्यापी हिंसा को लेकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि प्रदर्शनकारी ये जानलेवा प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं और वो अपनी सरकार से क्या मांग कर रहे हैं. दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों को लेकर आरक्षण कानून का प्रावधान है। बांग्लादेश में 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ आरक्षण व्यवस्था के तहत आरक्षित हैं।
बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो गए हैं कि 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 300 लोगों की जान चली गई है
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